किसान-मजदूरों को उनकी मेहनत का सही परिणाम नहीं मिला: राहुल

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दो अक्टूबर को राष्ट्रपति महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दोनों ही शख्सियत जन सेवा और परोपकार के कार्यों को प्राथमिकता देती थीं और आज सरकार से भी लोगों को यही उम्मीदें हैं लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को सही ठहराते हुए राहुल ने कहा कि सभी को उसका हक मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के मज़दूरों-किसानों को अगर उनकी मेहनत का सही परिणाम मिल जाए तो इससे बेहतर उदाहरण आत्मनिर्भरता का नहीं हो सकता।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि “इस देश के मज़दूर-किसान का परिश्रम आत्मनिर्भरता का सबसे उम्दा उदाहरण है। उन्हें इज़्ज़त और अपनी मेहनत की सही कमायी मिलनी ही चाहिए।” उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी ने ‘जय श्रमिक जय जवान जय किसान’ का नारा इसीलिए दिया था क्योंकि उन्हें पता था कि देश की बुनियाद में किसान-मजदूर और जवान की ही भूमिका है। लेकिन वर्तमान में इन्हीं आधारों को केंद्र की सरकार बर्बाद करने में लगी है।

अपने ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने एक समाचार भी साझा किया है, जिसमें कर्मचारियों-मजदूरों को ओवरटाइम के भुगतान से वंचित नहीं किए जाने की बात कही गई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने गुजरात सरकार के 17 व 20 मार्च के नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया और कहा है कि मजदूरों की अतिरिक्त मेहनत का मुआवजा उन्हें मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबर आर्थिक गतिविधियों के मेरुदंड होते हैं और उन्हें ओवरटाइम के भुगतान से वंचित नहीं किया जा सकता है।

Related Articles

Back to top button