प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार का संसद में घेराव, आप के एकमात्र सांसद संसद से रहे नदारद

प्रदूषण को लेकर दिल्ली में चल रही राजनीतिक जंग के बीच संसद में चर्चा छिड़ी तो एकमत से सदस्यों ने किसानों का बचाव करते हुए ठीकरा प्रबंधन पर फोड़ा, जबकि भाजपा ने पूरी तरह दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। आश्चर्यजनक बात यह है कि दिल्ली सरकार का बचाव करने के लिए पार्टी के अकेले लोकसभा सांसद भगवंत मान ऐसे अहम मौके पर सदन से गायब रहे।

दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण की भयावह स्थिति के लिए पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जलने वाली पराली को जिम्मेदार माना जाता रहा है। वैज्ञानिकों ने भी पराली को जिम्मेदार माना है। दिल्ली सरकार की ओर से भी यही तर्क दिया जाता रहा। लेकिन मामला जब संसद में पहुंचा तो लगभग सभी दलों ने किसानों को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और ठीकरा प्रबंधन पर फोड़ा। कांग्रेस के मनीष तिवारी, बीजेडी के पिनाकी मिश्रा, भाजपा के प्रवेश वर्मा, मनोज तिवारी, गौतम गंभीर समेत सभी दलों के सदस्यों ने कहा कि प्रदूषण में पराली का हिस्सा बहुत कम है। असली जिम्मेदार वाहन, अनियमित उद्योग आदि है।

किसानों के लिए राहत की मांग करते हुए पिनाकी मिश्रा ने स्वच्छता अभियान की तरह ही प्रदूषण से निपटने के लिए तंत्र को अपने हाथ में लेने का आग्रह किया और सुझाव दिया कि पराली के जरिए बिजली या उपयोगी सामान बनाने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना होगा, तो प्रवेश वर्मा ने सीधे-सीधे केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। लगभग आधे घंटे के भाषण में उन्होंने तंज किया- ‘पांच साल पहले केवल केजरीवाल खांसते थे, अब पूरी दिल्ली खांस रही है। दरअसल, दिल्ली सरकार ने न तो साफ हवा के लिए कोई कदम उठाया और न ही साफ पानी के लिए।’ इस क्रम में वर्मा के साथ साथ मनोज तिवारी ने यह भी गिनाया कि पानी छिड़कने के लिए स्प्रिंकलर खरीदने तक के लिए दिल्ली सरकार से पैसा नहीं मिला। यह काम तब हुआ जब केंद्र की मोदी सरकार ने सौ करोड़ रुपये दिए। दिल्ली में ऑड-इवन में सैंकड़ों करोड़ रुपये के जरिए अपना प्रचार किया गया, लेकिन कंस्‍ट्रक्शन साइट को लेकर कोई नियम कानून नहीं बनाया गया। दिल्ली में कूड़े के पहाड़ से मुक्ति के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।

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