रोजगार का मुद्दे ने मोदी सरकार पर उठाये सवाल, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ ‘#modi_job_do’

दिल्ली, रोजगार का मुद्दा एक बार फिर सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. ट्विटर से लेकर यूट्यूब तक युवा रोजगार के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रहे हैं. रविवार से ही हैशटैग ‘#modi_job_do’ ट्विटर के साथ-साथ यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है.

ट्विटर पर तो ‘मोदी रोजगार दो’ की धमक ऐसी है कि दिन भर में 20 लाख से भी ज्यादा ट्वीट किए गए. इस कैंपेन से जुड़े लोगों में युवाओं और स्टू़डेंट्स की संख्या तो ज्यादा है ही, साथ ही ऐसे टीचर्स भी मैदान में हैं जो ऑनलाइन कोचिंग देते हैं.

जिस तरह से इन लोगों के द्वारा कहा गया था की इस हैशटैग की तो अभी शुरुआत भर है, असली धमाल 25 फरवरी को मचाना है. उस दिन सुबह 11 बजे से इस कैंपेन को ‘नेक्स्ट लेवल’ पर ले जाने का प्लान है.

कुछ ऐसा ही आज सुबह से देखने को मिल रहा है| सुबह से ही ‘#modi_job_do’ बड़ी संख्या में देखा जा सकता है |

जानिए क्या है पूरा मामला?

मंत्रालयों में दूसरी और तीसरी श्रेणी के विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिए एक परीक्षा होती है. नाम है कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल  एग्जामिनेशन. हर साल लाखों लोग इसमें भाग लेते हैं. इसे कराने का जिम्मा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन यानी SSC का होता है. दो साल पहले यानी 2019 में CGL के टीयर-2 की परीक्षा कराए जाने की घोषणा हुई थी. नवंबर 2020 में तीन चरणों में परीक्षा आयोजित की गई. 15, 16 और 18 नवंबर. परिणाम जारी हुए तीन दिन पहले 19 फरवरी को. उसके बाद से सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ कैंपेन चल रहा है.

स्टूडेंट्स लगा रहे है ये आरोप

परीक्षा परिणामों का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि 18 नवंबर का पेपर आसान था और छात्रों ने काफी अच्छा स्कोर किया था. कइयों ने कुल 200 अंक की परीक्षा में पूरे अंक तक हासिल किए थे. लेकिन जब रिजल्ट आया तो ऐसे कई छात्रों का सिलेक्शन नहीं हुआ, जिन्होंने अच्छा स्कोर किया था. इस पर स्टूडेंट्स का आरोप है कि 18 नवंबर को घोषित कट ऑफ से 100 मार्क्स तक काट दिए गए हैं. वहीं, 15 और 16 नवंबर को जिन लोगों ने एग्जाम दिया था, उनमें से कइयों के 70 से 80 नंबर तक बढ़ा दिए गए हैं. छात्रों को समझ नहीं आ रहा कि किस प्रक्रिया के तहत ऐसा किया गया. उनमें इस बात को लेकर काफी गुस्सा है.

एसएससी की तैयारी कर रहे विभव नाम के एक स्टूडेंट का कहना है कि एसएससी लगातार सीटें कम करता जा रहा है और वेटिंग लिस्ट तक नहीं निकालता. अक्सर एग्जाम में सिलेक्शन होने वाले लोगों के अलावा एक वेटिंग लिस्ट भी निकलती है. अगर सिलेक्ट हुआ कोई शख्स किसी कारण से जॉइन नहीं करता तो वो सीट वेटिंग लिस्ट वाले कैंडिडेट को दे दी जाती है. CGL के मामले में ऐसा नहीं देखने को मिला, जो छात्रों की नाराजगी की एक और बड़ी वजह है. इसके चलते शनिवार-रविवार को ट्विटर पर तरह-तरह के ट्वीट ‘#modi_job_do’ के साथ देखने को मिले. इनमें से कुछ पर आप भी नजर डालिए,

आज सुबह से ही ट्विटर पर छात्र ‘#modi_job_do’’ के साथ इस तरह की कई पोस्ट डालकर मोदी सरकार पर सवाल कर  अपना विरोध जता रहे है|

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