शिक्षा भर्ती घोटाले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, अर्पिता की कंपनी का चपरासी ही निकला डायरेक्टर

शिक्षा भर्ती घोटाले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, अर्पिता की कंपनी का चपरासी ही निकला डायरेक्टर

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षा भर्ती घोटाला मामले (Education Recruitment Scam Case) में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की गिरफ्तारी (Arrest) के बाद रोजाना लगातार नए-नए राज खुल रहे हैं।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षा भर्ती घोटाला मामले (Education Recruitment Scam Case) में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की गिरफ्तारी (Arrest) के बाद रोजाना लगातार नए-नए राज खुल रहे हैं। इसी बीच अब इस मामले में एक और नई जानकारी सामने आई हैं। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी ने संयुक्त रूप से 2012 में एक फार्म हाउस खरीदा था। यह फार्म हाउस शांतिनिकेतन में खरीदा गया था।

इसके लिए 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पार्थ और अर्पिता एक दूसरे को दस साल से जानते हैं। फार्म हाउस (Farm House) की सेल डीड की कॉपी के अनुसार यह संपत्ति साल 2012 में खरीदी गई थी। उस वक्त इसकी कीमत 20 लाख रुपये थी। जानकारी के मुताबिक जब इस फार्म हाउस को खरीदा गया तो इसका नया नाम रखा गया था।फार्म हाउस (Farm House) का नाम अ-पा रखा गया था। यानी अर्पिता और पार्थ। फार्म हाउस की नेम प्लेट पर भी यही नाम लिखा हुआ है। हाल ही में पता चला था कि दक्षिण 24 परगना में एक फार्म हाउस है, जहां चोरी की घटना सामने आई थी। यह पार्थ चटर्जी की संपत्ति है। यही दोनों संपत्तियों से सबसे ज्यादा नकदी मिली थी, दोनों मकान अर्पिता के नाम हैं।

वही ईडी (ED) ने अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ से ज्यादा की नकदी बरामद की थी। साथ ही 5 किलो सोना भी मिला। इतना ही नहीं दोनों के नाम कई संपत्तियां होने की भी चर्चा है। वही दूसरी ओर ईडी के अधिकारियों को अर्पिता मुखर्जी की कई फर्जी कंपनियों की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी। अब फर्जी कंपनियों की जांच में ईडी के अधिकारियों को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है।

अर्पिता मुखर्जी की एक फर्जी कंपनी का डायरेक्टर (Director of Fake Company) उनकी ही कंपनी का चपरासी है। इस जानकारी के सामने आने के बाद ईडी अधिकारियों के माथे बल पड़ हो गए हैं। वे यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी के भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। बेलघरिया में अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट के पते पर ‘जमीरा सनशाइन्स लिमिटेड’ नाम की एक रियल एस्टेट कंपनी पंजीकृत है, जिसका नाम कंपनी के निदेशक के पद पर है।

वह वास्तव में दूसरी कंपनी के लिए एक चपरासी है! उस रियल एस्टेट कंपनी के ‘निदेशक’ के रूप में नामित व्यक्ति कोलकाता के रहने वाले देबाशीष देबनाथ (Debashish Debnath) हैं। दरअसल वह एक अन्य संस्था में ‘चपरासी’ के पद पर कार्यरत है। देबाशीष देबनाथ साल 2020 से रियल एस्टेट कंपनी के डायरेक्टर हैं। आपको बता दें कि इस रियल एस्टेट कंपनी में उल्लिखित ईमेल आईडी के अंग्रेजी में पहले तीन शब्द ‘ARP’ हैं।

दो अन्य कंपनियों (सिम्बायोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड) की भी अर्पिता के नाम से एक ही ईमेल आईडी (ID) है। सूत्रों के मुताबिक, अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) कभी उस संगठन की निदेशक थीं, जिसका ठिकाना बेलघरिया फ्लैट में मिला था, लेकिन बाद में उन्होंने किसी कारणवश इस्तीफा दे दिया था।

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