शिक्षा विभाग ने लिया फैसला,स्कूलों में भी 33 फीसदी ही शिक्षक होंगे उपस्थित

कोरोना संक्रमण के दौरान जहां 18 अप्रैल तक राज्यभर के शैक्षणिक संस्थान बन्द हैं वहीं अब शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है. अब सभी स्कूलों में 33 फीसदी यानि एक तिहाई शिक्षक ही एक दिन में स्कूल आ सकेंगे बाकि फिर दूसरे दिन.

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि राज्य में अभी स्थिति सामान्य नहीं है ऐसे में 18 अप्रैल के बाद भी स्कूल खुलने पर संशय बरकरार है तो शिक्षकों के लिए ये आदेश जारी किया गया है. वहीं इन्होंने यह भी आदेश दिया है कि इस दौरान स्कूल के पेंडिंग कार्यों का निपटारा और जमीन सम्बन्धी कागजात का भी स्कूल एचएम और वरीय शिक्षक निपटारा करेंगे.

बताते चलें कि कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में लिए गए फैसले के बाद राज्यभर में सभी शैक्षणिक संस्थानों को 18 अप्रैल तक बन्द रखा गया है ऐसे में सभी सरकारी और निजी संस्थानों में बच्चों की उपस्थिति पर रोक लगी है .इधर शिक्षक संघ ने भी इस बाबत सरकार को पत्र लिखा था और ट्रांसपोर्टेशन की वजह से कोरोना का खतरा बताया था.शिक्षकों की मांग थी कि जब बच्चे स्कूल नहीं आएंगे तो फिर शिक्षकों को स्कूल क्यों बुलाया जाता है क्यूँकि अबतक कोरोना की चपेट में आये राज्यभर के 6 शिक्षकों की भी मौत हो चुकी है जिसको लेकर शिक्षक भी दहशत में हैं.

शिक्षा विभाग का यह आदेश सभी स्कूल ,कॉलेज और कोचिंग संस्थानों पर लागू होगा.हालाकि शिक्षा विभाग के इस फैसले कब बाद शिक्षकों ने राहत की सांस ली है क्योंकि एक दिन 33 प्रतिशत फिर दूसरे दिन बाकि शिक्षक स्कूल में उपस्थित होंगे.

अब देखने वाली बात ये होती है कि 17 अप्रैल को राज्यपाल की अध्यक्षता में कोरोना पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में सरकार क्या फैसला लेती है, क्योंकि शिक्षा मंत्री ने साफ कहा है कि हालात देखकर लगता है कि अभी स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं.

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