ईडी ने आंध्र प्रदेश के एक बिजनेसमैन की 7 करोड़ से ज्यादा की 21 प्रॉपर्टी की अटैच

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बैंक धोखाधड़ी मामले में आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के तनुकु स्थित एक व्यापारी की 21 अचल संपत्तियों और बैंक बैलेंस को अटैच कर लिया। ये संपत्तियां करीब 7.57 करोड़ रुपये की हैं।

ईडी के अनुसार व्यवसायी पोलपेल्ली वेंकट प्रसाद, उसकी कंपनी मेलियोरा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई है। बुधवार को अटैच की गई संपत्ति आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के तनुकु में स्थित है। पश्चिम गोदावरी जिले की भारतीय प्रवासी बैंक की वीरभद्रपुरम शाखा की शिकायत पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने धोखाधड़ी का यह मामला दर्ज किया था। इस केस में पीबीआर पोल्ट्री टेक के प्रबंधक व्यवसायी पोलपेल्ली वेंकट प्रसाद और कंपनी के अन्य साझेदारों को आरोपित बनाया गया है।

ईडी के अनुसार सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन का यह मामला उसने दर्ज किया है। जांच के दौरान पता चला कि पीबीआर पोल्ट्री टेक ने पैनल अधिवक्ताओं की मिलीभगत से गिरवी रखी गई संपत्तियों के मूल्य में भारी वृद्धि करके इंडियन ओवरसीज बैंक से 5.60 करोड़ रुपये का टर्म लोन लिया था। यह भी आरोप लगाया गया कि प्रसाद ने अपने सहयोगियों के नाम पर सूक्ष्म और लघु उद्यम (सीजीटीएमएसई) ऋण के लिए 1.74 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट भी प्राप्त किया। आरोप है कि लोन की रकम को डायवर्ट कर दिया गया, जिससे बैंक को 7.34 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

ईडी ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपी ने 6.73 करोड़ रुपये का टर्म लोन और आंध्र बैंक से वेंबरायापुरम ब्रांच के आंध्रा बैंक में पीबीआर एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की शेल कंपनी के नाम पर 3.2 करोड़ रुपये का कैश क्रेडिट हासिल किया। आंध्रा बैंक का ऋण भी एनपीए बन चुका है। इस तरह प्रसाद ने कुल 17.27 करोड़ रुपये की कुल आय की, जो अपराध है। आगे की कार्रवाई जारी है।

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