यूपी के बलियाकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र लखनऊ में गिरफ्तार, दो साथी भी पकड़े गए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के दुर्जनपुर गांव में हुए गोली कांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन दिन से फरार धीरेंद्र सिंह लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क के पास से दो साथियों के साथ पकड़ा गया है।

धीरेंद्र सिंह पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था। अब तक आठ नामजद और करीब 25 अज्ञात आरोपियों में सिर्फ 10 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
वहीं इस हत्याकांड में नामजद अभियुक्त संतोष यादव व अमरजीत यादव को शहर कोतवाली पुलिस ने रविवार की सुबह नगर के वैशाली होटल के पास से गिरफ्तार कर लिया था। जबकि पांच आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने धीरेंद्र के भाई नरेंद्र प्रताप सिंह, देवेन्द्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। शनिवार को पुलिस ने इस मामले में हनुमानगंज निवासी मुन्ना यादव, राजप्रताप यादव एवं दुर्जनपुर के राजन तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। डीआईजी आजमगढ़ सुभाषचंद दुबे ने बताया कि आरोपियों पर एनएसए, गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई होगी। संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
ये था मामला
बलिया जिले के रेवती थाना इलाके के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में गुरुवार को टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन के लिए दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे खुली बैठक की जा रही थी। इसमें चार महिला समूहों ने आवेदन किया था। दुर्जनपुर की दुकान के लिए मां शायर जगदंबा और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान की नौबत आ गई।

इस पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह और एसओ प्रवीण कुमार सिंह ने व्यवस्था बनाई कि जिसके पास आधार कार्ड अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा, वही वोट कर पाएगा। एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे। दूसरे पक्ष के लोगों के पास पहचान पत्र नहीं था।

इसी बात पर हंगामा हो गया। स्थिति बिगड़ते देख बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान धीरेंद्र ने फायरिंग कर दी। इसमें दुर्जनपुर निवासी जयप्रकाश पाल(45) को चार गोलियां लगीं। लोगों ने जयप्रकाश को सीएचसी सोनबरसा पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

इसके अलावा ईंट पत्थर और लाठी-डंडों से नरेंद्र सिंह(45), आराधना सिंह(45), आशा सिंह(40), राजेंद्र सिंह(45), अजय सिंह(50) और धर्मेंद्र सिंह(40) गंभीर रूप से घायल हो गए। एसडीएम, सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

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