कोरोना से पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान

गुवाहाटी। कोरोना और लंबे लॉकडाउन से असम के पर्यटन क्षेत्र को कोई हजारों करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। असम पर्यटन उद्योग के लिए सबसे बुरे संकट में से एक है कोरोना का कहर। कोरोना का कहर असम पर्यटन क्षेत्र पर भी काफी असर पड़ा है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े होटल, ट्रेवल एजेंट, पर्यटन सेवा कंपनियां, रेस्टोरेंट्स, पारिवारिक मनोरंजन पार्क, साहसिक पर्यटन उद्योग आदि इससे से प्रभावित हुआ है। ये बातें शनिवार को असम पर्यटन उन्नयन निगम के अध्यक्ष जयंत मल्ल बरुवा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते बंद पड़े पर्यटन क्षेत्रों को अब सैलानियों के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर शनिवार असम पर्यटन भवन की संवाददाता सम्मेलन बरुवा ने कहा कि करोना और लंबे लॉकडाउन के कारण पूरे विश्व के पर्यटन क्षेत्र को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इससे उबरने की कोशिश किस प्रकार किया जाए उस पर चर्चा की जा रही है।

कोरोना के कारण ठप पड़ा असम का पर्यटन उद्योग अब लड़खड़ाते हुए दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास कर रहा है। जिसके तहत बीते शुक्रवार मुख्यमंत्री ने कई प्रकल्प की घोषणा भी की है। जैसे पर्यटन संजीवनी प्रकल्प। इसमें पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को सरकार द्वारा बैंक से कर्ज दिया जाएगा और ब्याज सरकार चुकाएगी। दूसरा पर्यटन सारथी प्रकल्प और तीसरा पुण्य धाम यात्रा प्रकल्प। पुण्य धाम यात्रा प्रकल्प के अंतर्गत है इस बार असम के विभिन्न जगह पर पर्यटकों को घुमाने की व्यवस्था की जाएगी। इसमें आवेदन करने के लिए आयु सीमा को कम कर दिया गया है। ऑनलाइन द्वारा आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए विज्ञापन दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हालत ठीक होने से पहले दिसम्बर से पुण्य धाम यात्रा शुरू करने की परिकल्पना की जा रही है। साथ ही सभी सरकारी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। काजीरंगा, मानस और पोबितरा अभ्यारण्य भी धीरे-धीरे खोल दिया जाएगा।

बरुवा का कहना है कि बाघजान में लगी आग से असम के पर्यटन को काफी हद तक नुकसान हुआ है। अब पर्यटन विभाग ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर डिब्रू सैखोया वृहत्तर इलाके में आधारभूत ढांचा तैयार करने की कोशिश की जा रही है। जिसमें करीब 500 से 100 होम स्टे निर्माण किया जाएगा। बटरफ्लाई पार्क, फिश एक्वेरियम, हलौ बंदर कंजर्वेशन आर्किड गार्डेन आदि निर्माण करने की परिकल्पना भी की गयी है। साथ ही जनजाति के वेडिंग सेंटर सेलिंग प्वाइंट, कल्चरल म्यूजियम आदि का भी निर्माण किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यटन दिवस के मद्देनजर रविवार को चांदडूबी में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन जाएगा। इसके साथ ही साइकिल रैली का आयोजन किया जाएगा। साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया है।

बरूवा ने कहा कि बीते साल असम में 60 लाख देसी पर्यटक और 42 हजार विदेशी पर्यटक का आगमन हुआ था। इस साल पर्यटन विभाग को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन व कोरोना के बाद पर्यटन विभाग में कई परिवर्तन होगा। एक नए सिस्टम को तैयार किया जाएगा।

असम की प्राकृतिक सुंदरता पर पर्यटन विभाग द्वारा छोटी-छोटी एक मिनट की वीडियो बनाये जाएंगे जो लोगों को दिखाया जाएगा। और, सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही स्थानों का डिटेल्स भी होगा। हर दिन दो वीडियो अपलोड किया जाएगा। इस मौके पर निगम के उपाध्यक्ष नवदीप कलिता भी मौजूद थे।

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