जयपुर से मुंबई वापस लौटेंगे कांग्रेस के विधायक महाराष्ट्र की राजनीति में बयानबाजी गरमाई

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा चल रहा है। मंगलवार शाम राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सभी विपक्षी दल इस फैसले के विरोध में मुखर हैं। ऐसे में एनसीपी, महाराष्ट्र कांग्रेस और शिवसेना और बीजेपी में लगातार हलचल मची हुई है। बुधवार सुबह से सभी पार्टियों की बैठक और बयानबाज़ी चल रही है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने को लेकर शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिवसेना ने SC में राज्यपाल के द्वारा अधिक समय ना दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई है। वहीँ महाराष्ट्र कांग्रेस के 44 विधायक जो पिछले कुछ दिनों से जयपुर में रुके हुए थे, वह आज वापस महाराष्ट्र लौट रहे हैं। होर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को 5 दिनों से जयपुर में रखा हुआ था। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि आलाकमान जो फैसला करेगा, हम वही मानेंगे। कुछ विधायकों ने तो सीधे तौर पर कहा कि हमें शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए। विधायकों का कहना है कि बीजेपी को दूर रखने के लिए किसी के भी साथ जाएंगे।

गौरतलब है कि बुधवार सुबह मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस नेताओं की लम्बी बैठक चली। इसके बाद NCP नेता अजीत पवार ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगने के बाद पार्टी आगे की रणनीति पर बात करेगी। उन्होंने बताया कि शरद पवार समेत कुछ अन्य नेता अब संसद के सत्र के लिए दिल्ली जाएंगे। हमने 5-6 लोगों की कमेटी बनाई है, जो आगे की रणनीति पर काम करेगी। इस दौरान शिवसेना पर भी चर्चा होगी। हम जल्द से जल्द सरकार बनाना चाहते हैं, क्योंकि किसान काफी परेशानी में है। हालाँकि शरद पवार इसपर काफी सकारात्मक रुख अपनाए हुए हैं। उनका कहना है कि हमारे पास सरकार गठन के लिए पर्याप्त समय है, अभी सरकार बनाने पर कोई चर्चा नहीं हुई है।

जहाँ एक तरफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार रात कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात की। वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी ने भी महाराष्ट्र में 3 दिन की महाबैठक बुलाई है। ये बैठक मुंबई में होगी। बीजेपी की इस बैठक में महाराष्ट्र बीजेपी के सभी विधायक शामिल होंगे। इस महाबैठक में राज्य के हालात, मध्यावधि चुनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

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