प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया जा सकता है पद्म विभूषण? जानें क्यों

चंडीगढ़. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल  ने बीते साल पद्म विभूषण लौटाने की बात कही थी। यह फैसला बादल ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने के लिए लिया था। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  ने इस संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा है। कोविंद ने जानकारी मांगी है कि क्या यह सम्मान वापस लिया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चंडीगढ़ से इस बारे में आरटीआई के तहत राष्ट्रपति भवन से यह जानकारी मांगी गई थी. जिसके जवाब में राष्ट्रपति भवन से जारी की गई ईमेल में कहा गया हैं कि कि इस बारे में गृह विभाग को पत्र भेज दिया गया है. किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने पिछले साल किसान इसे लौटाने की की घोषणा की थी. उनके पद्म विभूषण वापस लिया जाएगा या नहीं, यह फैसला गृह विभाग पर निर्भर करता है.

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पद्म विभूषण वापिस करने की घोषणा के बाद पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने 3 दिसंबर को राष्ट्रपति को भेजी चिट्ठी में लिखा था कि किसान खुद के अधिकार को बचाए रखने के लिए भीषण ठंड में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के पंथक आदर्शों के बाद किसान मेरा उनका जुनून रहा है, ऐसे में मुझे पद्म विभूषण अवार्ड रखने का कोई अधिकार नहीं है. किसानों के समर्थन में उतरते हुए विरोध स्‍वरूप अपना पद्म विभूषण अवार्ड लौटा दिया है.

बादल ने कहा था कि, ‘केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है. प्रकाश बादल सन् 1947 से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं. पंजाब में भाजपा-अकाली दल का प्रमुख चेहरा प्रकाश सिंह बादल अकेले नेता हैं, जो पांच बार पंजाब के मुख्‍यमंत्री बने. उनके अलावा ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने कृषि कानूनों को लेकर विरोध जताते हुए ‘पद्म भूषण’ लौटाने की घोषणा की थी. उन्‍हें वर्ष 2019 में यह अवार्ड दिया गया था.

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