Boycott Trend: बायकॉट ट्रेंड से इन फिल्मों को हुआ भारी नुकसान

#BoycottBollywood आपने कई बार देखा होगा। इन फिल्मों को जनता द्वारा बायकॉट करने की मांग हुई है। कई बार तो ऐसा भी हुआ जब सोशल मीडिया का विरोध फिल्मों के सेट या सिनेमाघरों के बाहर तक पहुंच गया। तोड़फोड़ हुई, पोस्टर जलाए गए, स्क्रीन से फिल्म हटाई गई, वहीं कई बार तो सेलेब्स को धमकी भी मिली।

News Nasha

फिल्मों पर बैन लगना या उनकी रिलीज रोकने का सिलसिला सिर्फ 2010 से नहीं चला आ रहा है। ये गुलाम भारत से चला आ रहा है जब इंडस्ट्री की कमान ब्रिटिश सेंसरबोर्ड के हाथों में थी। आइये जानते हैं बालीबुड किन फिल्मों को हुआ भारी नुकसान….

छपाक- 2019- दीपिका पादुकोण को जेएनयू में हुए प्रोटेस्ट में शामिल होने की भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। लोगों ने सोशल मीडिया पर दीपिका को बायकॉट करना शुरू कर दिया, जिसका सीधा असर उनकी फिल्म छपाक पर पड़ा। 36 करोड़ में बनी ये फिल्म सिर्फ 56 करोड़ का ही बिजनेस कर सकी।

सड़क 2- 2020- सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही नेपोटिज्म का मुद्दा खूब सुर्खियों में रहा था। ऐसे में स्टारकिड्स की ज्यादातर फिल्मों को बायकॉट किया गया था। जब आलिया भट्ट की फिल्म सड़क 2 रिलीज हुई तो बायकॉट के चलते फिल्म बुरी तरह पिट गई। लोगों का नेपोटिज्म पर गुस्सा इस कदर था कि ट्रेलर रिलीज होते ही दो दिनों में इसे 5.3 मिलियन डिस्लाइक मिले। ये ट्रेलर यूट्यूब का दूसरा सबसे ज्यादा डिसलाइक किया गया वीडियो था।

सेंसर बोर्ड का काम करने लगी जनता:

कौन सी फिल्म दर्शकों के लिए सही है या नहीं इसका फैसला हमेशा से ही सेंसर बोर्ड के पास रहा है। जब सेंसर बोर्ड को फिल्म भड़काऊ, विवादित कंटेंट वाली या भावनाएं आहत करने वाली लगती तो वो खुद मेकर्स से इसमें बदलाव करने की अपील कर रिलीज टालता था। लेकिन अब ये जिम्मेदारी जनता ने ले ली है। सेंसर बोर्ड से पास होने के बावजूद भी अब जनता फिल्में रिलीज होने पर प्रतिबंध लगाने की मांग करती है। ज्यादातर इसका कारण फिल्म का हिंसक कंटेंट, धार्मिक भावनाओं को आहत होना या इतिहास को गलत तरीके से पेश करना होता है। लेकिन कई मामले ऐसे हैं कि फिल्म में कुछ भी विवादित ना होने के बावजूद सिर्फ एक्टर-एक्ट्रेस से जुड़ी कंट्रोवर्सी के कारण फिल्मों का बायकॉट किया जा रहा है।

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