शाहीन बाग़ में कश्मीरी पंडितों ने लगाई गुहार, हमे न्याय दो

30 साल पहले 19 और 20 जनवरी को कश्मीर में हुई नरहिन्सा के खिलाफ आज शाहीन बाग़ में प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी तादाद में कश्मीरी पंडित शाहीन बाग़ में इकठ्ठा हुए हैं। सभी कश्मीरी पंडित अपने लिए न्याय की मांग में नारे लगा रहे हैं। इस बीच कुछ प्रदर्शनकारियों और कश्मीरी पंडितों में हाथापाई भी हो गई। हालाँकि पूरे भारत को न्याय देने की मांग पर दोनों पक्ष सहमत हो गए। बता दें कि ये वही शाहीन बाग़ है जहाँ पिछले 36 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।

वीभत्स नरसंहार के इतिहास की इस तारीख के दिन बीजेपी नेता और लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आखिरकार कश्मीरी पंडितों को न्याय देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि ‘कश्मीरी पंडितों ने न सिर्फ समय बल्कि ज़िन्दगी में काफी कुछ खोया है। उनके साथ वह उचित नहीं हुआ था। हालाँकि अब उनमे उम्मीद जगी है। मेरे ख्याल से अब सही समय आ गया है जब कश्मीरी पंडित न केवल कश्मीर जाएं बल्कि अपना हक़ भी लें।’

कश्मीरी पंडितों की तर्ज पर बीजेपी नेता सुशिल कुमार मोदी ने भी ट्वीट किया है। शाहीन बाग़ के आंदोलनकारियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि कश्मीरी पंडितों के साथ जब अन्याय हो रहा था, तब शाहीन बाग़ ने आवाज़ क्यों नहीं उठाई। बता दें कि 1990 में कश्मीरी पंडितों को ज़बरदस्ती कश्मीर से निकाल दिया गया था। आंकड़ों के अनुसार, 1990 में तकरीबन 5 लाख हिन्दू कश्मीर में रहते थे जिनकी संख्या 2016 तक केवल 3000 रह गयी थी।

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