कृषि के माध्यम से जन जीवन को पटरी पर लाने की तैयारी/ किसानों को बड़ी राहत

जहां एक ओर पूरे देश में कोरोना वायरस के वजह से काम काज ठप पर चूका है तो वही एक ओर अच्छी खबर भी है गृह मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी कर कुछ क्षेत्रों में रियायत देने का फैसला किया है इन में सबसे महत्तपूर्ण कृषि पर ज़ोर दिया गया है। जिन इलाको में नए मरीज नहीं मिले है और जहां एक भी संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है उन जगहों पर रियायत देने का फैसला किया गया है। सरकार ने अपने दिशानिर्देश में ये भी सूचित किया है कि अगर इन जगहों पर कोई भी नए मरीज मिलते है तो इलाके को फिर से पूरे तरीके से सील कर दिया जायेगा। और छूट को वापस ले ली जाएगी।
हालाँकि स्वास्थ्य और कृषि सेवा को लॉकडाउन 1 में भी अति आवश्यक सेवाओं में शामिल गया था।

रियायत:
खेती से जुड़ी सभी गतिविधियां चालू रहेंगी, किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने की छूट रहेगी। कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी। खाद, बीज, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण की गतिविधियां चालू रहेंगी, इनकी दुकानें खुली रहेंगी। कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) के एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट पर कोई रोक नहीं रहेगी।

-मनरेगा वर्करों को काम करने की इजाज़त होगी लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का सख़्ती से पालन करना होगा

-दवा बनाने वाली कंपनियां और मेडिकल उपकरण बनाने वाले कारख़ाने खुल सकेंगे

-चाय, कॉफ़ी, और रबर पलांटेशन को अधिकतम 50 फ़ीसदी कर्मचारियों के साथ काम करने की इजाज़त होगी

-तेल और गैस सेक्टर से जुड़ी सभी गतिविधियां जारी रहेंगी

-पोस्टल सर्विस जारी रहेगी, पोस्ट ऑफ़िस खुले रहेंगे

-गौशाला और जानवरों के शेल्टर होम खुले रहेंगे

-हाइवे के ढाबे, ट्रक रिपेयर करने वाले दुकान, सरकारी काम से जुड़े कॉल सेंटर खुल सकेंगे

-इलेक्ट्रिशियन, आईटी रिपेयरिंग वाले, पलंबर, मोटर मैकेनिक, कार्पेंटर और इसी तरह के स्वरोज़गार वाले लोगों को काम करने की इजाज़त होगी

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