बेगूसराय : शहर से लेकर खेत-खलिहान तक चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही है सीएपीएफ

बेगूसराय। 1957 के चुनाव के दौरान देश में पहली बार बूथ लूट को लेकर देशभर में चर्चित हुए बेगूसराय में इस बार गड़बड़ी फैलाने वालों की कुछ नहीं चलने वाली है। तमाम गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के समन्वय में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर उस पर कार्य चल रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह, भ्रामक खबर और दुष्प्रचार फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए साइबर क्राइम सेल एक्टिव मोड में है। वहीं, सीएपीएफ की कंपनी शहर से लेकर गांव तक के चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही है।

गड़बड़ी फैलने वाले इलाके, संवेदनशील मतदान केंद्र, अति संवेदनशील मतदान केंद्र और नक्सल प्रभावित मतदान केंद्र के इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है। दियारा का इलाका भी प्रशासन के रडार पर है। शहरी क्षेत्र से लेकर दियारा के चप्पे-चप्पे पर स्थानीय पुलिस और वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देशन में सीएपीएफ की टीम लगातार गश्त कर रही है। गंगा नदी का चमथा दियारा हो या शाम्हो का कुख्यात दियारा क्षेत्र, गंडक का दियारा हो या काबर झील का इलाका, सभी क्षेत्रों में सीएपीएफ की टुकड़ी नजर रख रही है।

यह टुकड़ी गांव से लेकर बाजारों तक, खेत से लेकर खलिहान तक के चप्पे-चप्पे पर गश्त कर रही है। इस दौरान अपराधियों और अफवाह फैलाने वाले तत्वों पर नजर रखने के साथ-साथ देसी और विदेशी शराब कारोबारी पर भी नजर रखी जा रही है। टीम दियारा इलाके में खेत-खेत घूम रही है। अपनी निगाहों से हर ओर का जायजा लेते हुए रोज आगे बढ़ रही है। गश्त की कार्य योजना कुछ ऐसी बनाई गई है कि अपराधियों और अवैध कारोबारियों को इसकी भनक तक नहीं लग रही है।
इसके कारण शराब कारोबारियों और अपराधियों के बीच हड़कंप मच गया है। गांजा तस्करों समेत नशा के तमाम कारोबारियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दर्जनों देसी शराब भट्ठियों को ध्वस्त करने के साथ-साथ पांच हजार लीटर से अधिक अर्ध निर्मित महुआ शराब नष्ट की जा चुकी है।

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