भारत ने की लंदन ओलिंपिक की बराबरी

बजरंग ने कजाकिस्तान के पहलवान को 8-0 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता; भारत को छठा मेडल दिलाया

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ब्रॉन्ज मेडल मैच में बजरंग का सामना कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव से चल रहा है।

टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल से चूकने के बाद भारत के स्टार रेसलर बजरंग पूनिया फ्री स्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में आज ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेल रहे हैं। उनका सामना कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव से है। बजरंग ने 6-0 की लीड ले ली है। बजरंग जीते तो भारत के लिए टोक्यो ओलिंपिक का छठा मेडल जीतेंगे।

बजरंग के पिता को ब्रॉन्ज मेडल की उम्मीद
क्वार्टर फाइनल में शानदार शुरुआत करने के बाद बजरंग सेमीफाइनल मुकाबला हार गए थे। बजरंग के पिता का कहना है कि बेटा आज तक कभी खाली हाथ नहीं लौटा है। पूरे देश की दुआएं उसके साथ हैं। एक महीना पहले उसके घुटने में चोट लग गई थी, फिर भी वह सेमीफाइनल तक पहुंचा। चोट की वजह से वह अटैकिंग नहीं खेल पाया।

सेमीफाइनल में हार के बाद बजरंग पूनिया।

शुरुआत में बढ़त बनाई, पर फिर लगातार पिछड़ते गए
सेमीफाइनल में बजरंग अजरबैजान के हाजी अलीयेव से 12-5 से हार गए थे। अलीयेव के खिलाफ मैच में शुरुआती मिनट में ही बजरंग ने एक पॉइंट की बढ़त बना ली थी, लेकिन अजरबैजान के पहलवान ने बजरंग पर उन्हीं का दांव लगा दिया। हाजी अलीयेव फाइनल में पहुंचने में कामयाब हुए, इसलिए बजरंग को रेपचेज के जरिए ब्रॉन्ज मेडल के लिए लड़ने का मौका मिल रहा है।

सेमीफाइनल में भी जब डेढ़ मिनट बाकी रह गए थे, तब बजरंग ने फितले दांव लगाने की कोशिश की। उन्हें लगा कि वे वापसी कर लेंगे, लेकिन दांव उल्टा पड़ा और बजरंग 2 पॉइंट गंवा बैठे। इसके बाद उनकी वापसी असंभव हो गई। फितले दांव की मदद से अजरबैजान के पहलवान ने बजरंग के खिलाफ कई पॉइंट बंटोरे।

अलीयेव ने फितले दांव के जरिए बजरंग को हराया।

क्वार्टर फाइनल में की थी जबरदस्त वापसी, वैसा सेमी में नहीं कर पाए
65 किलोग्राम वेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल मैच में पूनिया ने एशियाई चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट ईरान के मोर्टेजा घियासी को हराकर जीत हासिल की थी। क्वार्टर फाइनल में बजरंग एक समय 1-0 से पिछड़ रहे थे। इसके बाद आखिरी मिनट में बजरंग ने 2 पॉइंट हासिल किए। फिर उन्होंने ईरानी पहलवान को चित करते हुए मुकाबले से ही बाहर कर दिया। बजरंग को विक्ट्री बाय फॉल रूल से विजेता करार दिया गया।

प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल में बजरंग ने अच्छा प्रदर्शन किया।

प्री-क्वार्टर फाइनल में बजरंग को हुई थी मुश्किल
बजरंग ने ओलिंपिक का आगाज जीत से किया। उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान के एर्नाजर अकमातालिवे पर तकनीकी आधार पर जीत हासिल की। बजरंग ने एक वक्त किर्गिस्तान के पहलवान पर 3-1 की लीड ले ली थी। आखिरी कुछ सेकंड में अकमातालिवे ने वापसी की और 2 बार पूनिया को रिंग से बाहर कर 2 पॉइंट हासिल किए।

इसके बाद स्कोर 3-3 से बराबर हो गया था। मैच समाप्त होने पर किसने एक साथ ज्यादा पॉइंट हासिल किए, इसपर मैच का नतीजा निकला। बजरंग ने एक साथ 2 पॉइंट बनाए थे। इस आधार पर उन्हें विजेता घोषित किया गया।

प्री-क्वार्टर फाइनल में बजरंग ने किर्गिस्तान के एर्नाजर अकमातालिवे को हराया।

भारत को ओलिंपिक में अब तक 5 मेडल
भारत ने टोक्यो ओलिंपिक में अब तक 5 मेडल जीते हैं। मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर, पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज और लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इसके अलावा गुरुवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज और कुश्ती में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता। यह 2012 लंदन ओलिंपिक के बाद भारत का दूसरा सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है।

कुश्ती में भारत को अब तक 6 ओलिंपिक मेडल
पहलवान सुशील ने भारत के लिए ओलिंपिक में लगातार दो मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। सुशील ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। रवि को मिलाकर भारत ने कुश्ती में 6 मेडल जीते हैं।

रवि और सुशील के अलावा योगेश्वर दत्त ने 2012 में ब्रॉन्ज, साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता था। केडी जाधव भारत के लिए ओलिंपिक रेसलिंग में मेडल जीतने वाले पहले रेसलर थे। उन्होंने 1952 हेलसिंकी ओलिंपिक में यह कारनामा किया था।

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