कोविड-19 से निपटने के लिए आयुष विभाग को दी जा रही है ट्रेनिंग, इमरजेंसी के लिए रहेंगे तैयार

यूपी में कोरोना वायरस से निपटने के लिए आयुष विभाग भी अपना योगदान देगा। आयुष विभाग के अधीन आने वाले अब आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी डॉक्टर, साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ भी इस महामारी से निपटने के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक इन सभी को भी कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस बात की जानकारी आयुष मिशन के प्रबंध निदेशक राजकमल यादव ने दी। आपको बता देें कि आज ही से आयुष डॉक्टर्स की ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरु है। साथ ही इसी हफ्ते से 8 हजार से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत प्रबंधन में शामिल किए जाएंगे। जिसके बाद कोरोना अस्पतालों में ये सभी डॉक्टर्स अपनी सेवाएं देंगे।

राजकमल यादव ने बताया कि तीनों ही डिपार्टमेंट के निदेशकों को पत्र लिखकर इस बारे में प्रशिक्षण कराए जाने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी। जिसमें प्रधानमंत्री ने सभी अधिकारियों को कोरोना वायरस को लेकर बनाए गए टास्क फोर्स के दिए गए सुझाव के तहत इन सभी को प्रशिक्षण देकर तैयार रहने की बात कही थी।

आयुष विभाग के निदेशक राजकमल यादव ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में आयुर्वेद होम्योपैथ और यूनानी सेवाओं के निदेशकों को ट्रेनिंग मॉड्यूल और कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का ब्यौरा भेज दिया गया है। साथ ही उन्हें आयुष चिकित्सालालयों को कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के तहत तैयार रहने के भी निर्देश दिए हैं। जिससे इमरजेंसी में उनका उपयोग कर मदद ली जा सके। आयुष विभाग ने जारी किए गए निर्देश के मुताबिक सभी श्रेणी के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मॉड्यूल के हिसाब से कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर इनकी जानकारी शासन को भेजी जाएगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में 8 लैब में टेस्टिंग की जा रही है। इनमें 459 सैंपल की जांच की गई। झांसी की लैब को भी जल्दी शाममिल किया जाएगा। इसके अलावा प्राइवेट लैब की भी मदद लेने का फैसला किया गया है। बता दें सरकार इमरजेंसी के लिए हर संभव तैयारी कर रही है। जिससे जरूरत पड़ने पर यह सभी काम आ सके।

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