अशोक गहलोत ने राज्य की वर्षों पुरानी मांगोे को लेेकर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की वर्षों पुरानी मांग दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज हुई नीति आयोग की शासी परिषद की छठी बैठक में वीडियाे कांफ्रेंस के जरिए सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में 16 परियोजनाएं ऐसी राष्ट्रीय योजनायें हैं जो असम, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल में हैं, लिहाजा अगर 16 की जगह 17 ऐसी परियोजनायें बन जाएँगी तो योजना प्राथमिकता से पूरी हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी से राजस्थान के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर जैसे 13 बहुत महत्वपूर्ण जिले में सिंचाई भी होगी और पीने का पानी भी मिलेगा। गहलोत ने श्री मोदी से ईआरसीपी को मंजूरी देने का अनुराेध करते हुए कहा कि राजस्थान को इसकी सौगात देने की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में वितरण लागत बहुत ज्यादा है। पंजाब, उत्तर प्रदेश की तरह यहां एक गाँव खत्म होने के बाद दूसरा गाँव नहीं आता है, यहां तो एक गाँव खत्म हुआ और 10-15 किलोमीटर बाद दूसरा गाँव आता है। फिर यहां लोग गाँवों की बनिस्बत ढाणियों में अधिक बसते हैं। ढाणियों तक पानी पहुँचाना बहुत बड़ा काम है। गहलोत ने कहा कि जल जीवन मिशन देश की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो 2024 पूरी करना है। यह परियोजना राजस्थान के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। इससे नहर परियोजना के राजस्थाने में आने से जल स्रोत बढ़ेंगे। लिहाजा यह हमारे लिए सबसे बड़ी सौगात यही होगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनिज सम्पदा के भंडार हैं। पोटाश पूरे देश में सिर्फ राजस्थान में ही मिलेगा। उन्होंने श्री मोदी से अनुरोध करते हुए कहा कि एक मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया कंपनियां भारत सरकार की हैं। इनके साथ मिलकर खनिज सम्पदा का वैज्ञानिक अन्वेषण करने की बड़ी आवश्यकता रहेगी जिससे पूरे देश को उसका लाभ मिलेगा।

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