नागरिकता कानून के खिलाफ तमाम छात्र संगठनों की बड़ी हड़ताल, पुलिस कर रही भड़काऊ भाषण की जांच

ऑल इंडिया फोरम ऑफ सेव एजुकेशन ने रविवार को जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों और पुलिस के बीच हुई घटनाओं को शर्मनाक बताया है। इसके साथ ही देशभर के कई छात्र संगठनों ने सोमवार को हड़ताल की घोषणा की है। बता दें कि रविवार को छात्रों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने जामिया कैंपस में छात्रों पर लाठीचार्ज किया था, और आंसू गैस के गोलों का भी प्रयोग किया है। पुलिस के अनुसार प्रदर्शन दिल्ली के ओखला, जामिया और कालिंदी कुंज इलाके में किया गया था।

सोमवार को होने वाली छात्र संगठनो की हड़ताल में जेएनयू छात्रसंघ, आइसा, एसएफआई, पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन, सीआरजेडी, एएफएसयूजेयू, एचसीयूएसयू शामिल हैं, इनके अलावा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन, समाजवादी छात्रसभा, एआईएसएफ, एनएसयूआई ने भी हड़ताल का एलान किया है। अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली स्टूडेंट यूनियन, एआईएसबी, सीवाईएसएस, बापसा, पीयूएससी, बीएएसओ समेत कई अन्य छात्र संगठन व छात्रसंघ भी इस हड़ताल में शामिल हैं।

नागरिकता संशोधन के खिलाफ रविवार को जामिया में हुए प्रदर्शन ने शाम तक हिंसक रूप ले लिया था। पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में आग लगा दी जिसे बुझाने के लिए पहुंची 4 दमकल गाड़ियों पर भी हमला कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक एक फायरमैन को काफी चोटें आई हैं। इसके अलावा पुलिस ने नोएडा से न्यूफ्रेंड्स कॉलोनी की तरफ आ रही कई बसों पर पत्थरबाज़ी के बारे में भी बताया। इसके बाद पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च किया और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।

गौरतलब है कि प्रदर्शन के दौरान कुछ हिंसक गतिविधियां होने के बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और तकरीबन 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए छात्रों को जैतपुर व बदरपुर पुलिस थानों में ले जाया गया। वहीँ, लाठीचार्ज में घायल छात्रों को बाद में होली फैमिली अस्पताल ले जाया गया। होली फैमिली अस्पताल में कुल 51 छात्र भर्ती कराए गए थे। इनमे से 41 छात्रों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। बाकी 10 छात्र अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। वहीँ दूसरी तरफ, इस झड़प में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

बता दें कि इससे पहले ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) ने शुक्रवार को संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की थी। इस दौरान भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया था। इसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस प्रदर्शन के बाद एक नेता के भड़काऊ भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में नेता कहते दिखाई दे रहे थे कि ‘पानी के बैगर लोग रह सकते हैं। रोजा भी रख लेंगे। आज तो यहां सांस लेना, आजादी से रहना, दाढ़ी टोपी के साथ चलना मुश्किल हो गया है। आज सीएबी आया है ना। कल क्या करेंगे ये लोग। मस्जिदों से अजान नहीं होगी। परसों क्या कहेंगे, दाढ़ी टोपी में कोई नहीं चलेगा। तरसों क्या कहेंगे। बुर्के में औरत नहीं चलेंगी। हद होती है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह तीन तलाक लाया था तब हमारी खामोशी को बुजदिली समझ लिया था।’

इसके साथ ही जामिया में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हुई मुठभेड़ की वीडियो भी सामने आई हैं। इन सभी वीडियो को जाँच के लिए कब्जे में ले लिया गया है। भड़काऊ भाषण वाली वीडियो में दिख रहे नेता पर दंगा भड़काने का मुकदमा दर्ज किए जाने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। इसको लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार के पूरे घटनाक्रम की एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

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