30 दिन में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड राजीव धवन होंगे वकील

रविवार को लखनऊ में बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने राममंदिर भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दर्ज करने का फैसला लिया है। साथ ही AIMPLB ने कहा है कि उसे मस्जिद के बदले दूसरी जगह पर दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन मंजूर नहीं है। इसके साथ ही बैठक में तय किया गया कि AIMPLB के लिए राजीव धवन ही सुप्रीम कोर्ट में इस केस की पैरवी करेंगे।

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए AIMPLB के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। बोर्ड ने कुल 10 बिंदुओं पर फैसले को लेकर सवाल उठाए और कहा फैसले में कई खामियां हैं। इसलिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करना जरूरी है। AIMPLB ने कहा कि मस्जिद की जमीन के बदले में मुसलमान कोई दूसरी जमीन स्वीकार नहीं कर सकते हैं और न्यायहित में मुसलमानों को बाबरी मस्जिद की जमीन दी जाए। AIMPLB ने कहा कि मुसलमान किसी दूसरे स्थान पर अपना अधिकार लेने के लिए उच्चतम न्यायालय नहीं गए थे, बल्कि मस्जिद की जमीन पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे।

वहीँ बोर्ड के सचिव मोहम्मद महफूज रहमानी ने कहा कि शरीयत के हिसाब से हमें ऐसा(मस्जिद के लिए दूसरी ज़मीन लेने का) कोई हक नहीं है। शरीयत के मुताबिक एक बार मस्जिद हो गई तो वो आखिरी तक मस्जिद होती है। उन्होंने कहा कि हमें वही जमीन चाहिए, जिसके लिए हमनें लड़ाई लड़ी थी। मस्जिद के बदले मुसलमान कोई भी दूसरी जमीन नहीं लेंगे। हम दूसरी मस्जिद लेने सुप्रीम कोर्ट नहीं गए थे। हम कोर्ट न्याय के लिए गए थे। इसको लेकर मोहम्मद रहमानी ने बताया कि यह निर्णय ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया है।

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