76 साल पहले मुंबई में भी हुआ था बेरूत जैसा धमाका

बेरूत पोर्ट पर हुए भीषण धमाके में करीब 150 लोगों की जान जा गई। कम से कम 5000 लोग घायल हुए है। लेकिन क्या आप जानते है आज से ठीक 76 साल पहले महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में साल 1944 में बिलकुल ऐसा ही एक धमाका हुआ था। जिसमें लगभग एक हजार लोगों की मौत हो गई थी।

इस हादसे में हजारों लोग घायल भी हुए थे। मुंबई के विक्टोरिया डॉक पर खड़े एक जहाज में 14 अप्रैल 1944 को लगी आग के चलते दो धमाके हुए थे, जिसके चलते मुंबई में कई इमारते जमींदोंज हो गई थीं। बताया जाता है कि 1944 में हुए धमाके इतने जोरदार थे कि मीलों तक धमाके का असर हुआ था। उस वक्त फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण 1944 में ब्रिटिश कार्गो शिप ‘फोर्ट स्टीकिन’ में टनों विस्फोटक, फाइटर एयरक्राफ्ट और कई अन्य सामान भरकर यूनाइटेड किंगडम से लाया जा रहा था। रास्ते में इसी शिप में कराची से सूती कपड़े के सैकड़ों गट्ठर लाद लिए गए थे।

आग लगने के खतरे के बावजूदन ये गट्ठर शिप पर रखे 300 टन डायनामाइट के निचले तल पर रखे गए। 14 अप्रैल 1944 की दोपहर को यह शिप मुंबई के विक्टोरिया डॉक पर पहुंचा। शिप के पहुंचते ही पता चला कि उसपर आग लग गई है। आग बुझाने की कोशिशें शुरू हुईं लेकिन डायनामाइट, गोला-बारूद और कपड़ों के कारण आग फैलती गई। कुछ ही घंटों में दो बहुत भीषण धमाके हुए और मुंबई शहर हिल गया। धमाके के चलते डॉक पर खड़े 12 जहाज तबाह हो गए। धमाका इतना जोरदार था कि 4000 टन वजन वाला एक जहाज पानी से जमीन पर जा गिरा।

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