हेल्थ ट्रेड लाइसेंस के नाम पर हर वर्ष 350 करोड़ का भ्रष्टाचार : दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने मंगलवार कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए दिल्ली में 24 घंटे रेस्टोरेंट के संचालन की अनुमति देते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा जारी किए जा रहे गैर जरूरी हेल्थ ट्रेड लाइसेंस को रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी 7 सितंबर को तीनों एमसीडी को पत्र जारी कर हेल्थ ट्रेड लाइसेंस देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि हेल्थ ट्रेड लाइसेंस देने के नाम पर प्रति वर्ष 350 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया जाता है, इसीलिए एमसीडी लाइसेंस देने की शक्ति अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के रेस्तरां मालिकों और दिल्ली की जनता को बेहतर काम और बिजनेस करने का माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध है।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह फैसला हमने अकेले कर दिया, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) संस्था ने सात सितंबर को एक पत्र एमसीडी को लिखा था। पत्र में एफएसएसएआई ने एमसीडी के आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सात सितम्बर को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि नगर निगम कार्यालय द्वारा अलग से कोई लाइसेंस जारी न किया जाए। संज्ञान में आया है कि नगर निगम क्षेत्रों में खाद्य व्यवसाय संचालकों को लाइसेंस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमसीडी भ्रष्टाचार में इतना डूब गई है कि अब वो अपनी ही केंद्र सरकार के निर्देश को भी नहीं मान रही है। कल एमसीडी ने कहा कि अगर वो खाद्य लाइसेंस देना बंद कर देंगे तो उन्हें सालाना 16 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। यह मामला 16 करोड़ का नहीं, बल्कि 350 करोड़ रुपये का है। 16 करोड़ तो सिर्फ दिखावा है।

पाठक ने आरोप लगाया कि एमसीडी के पार्षदों को घूस खिलाए बिना दिल्ली के किसी भी रेस्तरां का लाइसेंस जारी नहीं होता है। यह पूरा भ्रष्टाचार 350 करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि एमसीडी को मेरा सुझाव है कि वो खाद्य लाइसेंस पर दिल्ली की जनता के साथ आए और रेस्तरां के मालिकों का साथ दें।

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