हाथरस कांड में साबित नहीं हुआ रेप, 3 बरी..

उत्तर प्रदेश –उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस हत्याकांड में  फैसला आया। हाथरस कांड के ढाई साल बाद विशेष SC/ST कोर्ट ने संदीप ठाकुर को गैरइरादतन हत्या व SC/ST ऐक्ट के उल्लंघन का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। बहुचर्चित बिटिया प्रकरण में SC/ST अदालत ने युवती के साथ गैंगरेप होना नहीं माना है। चारों आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। इस मामले में कोर्ट ने संदीप सिंह को SC/ST एक्ट में दोषी माना है। अदालत ने उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बाकी आरोपितों लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया। चारों में से किसी के भी खिलाफ गैंगरेप का आरोप साबित नहीं हो पाया।हीं अभियुक्तों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि शुरू से ही दिख रहा था कि गैंगरेप के कोई सबूत नहीं हैं और अदालत ने फैसला भी वही सुनाया है।उन्होंने कहा ऐसा कोई गवाह नहीं मिला, जिसके बयान से गैंगरेप की पुष्टि हो।इसमें साजिश थी और यह पूरा केस बनाया गया था जिसका अंत यही होना था। संदीप भी निर्दोष है, वो भी छूट जाएगा।इसके लिए हम लोग हाई कोर्ट जाएंगे।

यह मामला उस वक्त काफी चर्चित रहा था, इसलिए पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से आज सुबह से ही कोर्ट में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे।यही नहीं, आस-पास के जिलों में भी सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई थी।स्थानीय अदालत ने एक अभियुक्त को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है।

दोषी संदीप सिंह पर पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।इस मामले में रेप का आरोप साबित नहीं हो सका है। मुख्य अभियुक्त संदीप सिंह को गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है। वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि वो कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

यह मामला उस वक्त काफी चर्चित रहा था, इसलिए पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से आज सुबह से ही कोर्ट में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे. यही नहीं, आस-पास के जिलों में भी सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई थी।अभियुक्तों खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।सीबीआई ने 22 सितंबर को मौत से पहले पीड़ित के आखिरी बयान को आधार बनाकर करीब दो हजार पेज की चार्चशीट दाखिल की थी जिसमें कहा गया था कि चारों अभियुक्तों ने हत्या करने से पहले पीड़ित से गैंगरेप किया था।

पीड़ित पक्ष के वकील महिपाल सिंह ने डीडब्ल्यू को बताया, “कोर्ट ने गैंगरेप की बात को कैसे खारिज किया है, यह जजमेंट की कॉपी देखने के बाद ही पता चलेगा लेकिन हम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

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