बुलंदशहर : सीएए हिंसा के 13 आरोपियों को मिली जमानत

बुलंदशहर पुलिस की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए बुलंदशहर अपर न्यायाधीश प्रथम ने बुलंदशहर सीएए हिंसा के 13 आरोपियों को जमानत दे दी। बुलंदशहर पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर 27 नामजद और 800 अज्ञात बलवाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस की ढीली कार्रवाई का लाभ उठाते हुए आरोपियों को जमानत मिल गई।

20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद सीएए को लेकर बुलंदशहर नगर कोतवाली के मोहल्ला ऊपरकोट पर पुलिस और उपद्रवियों के बीच हिंसा हुई थी। बलवाइयों ने कोतवाली पुलिस की जीप और बाइक को आग के हवाले कर दिया और हैंडसेट को भी छीन लिया था। हिंसा में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी काफी चोटें आई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए और 13 लोगों को आनन-फानन में जेल भेज दिया। बताया गया है कि पुलिस कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज समेत कोई भी पुख्ता एविडेंस उपलब्ध नहीं करा सकी। और शहर के ऊपर कोट इलाके में जहां हिंसा हुई वहां से 8 किलोमीटर दूर जेल जाने वाले मुस्लिमों का गांव है और उनकी ज्यादातर उम्र 50 से 55 वर्ष है कोर्ट ने इसी को आधार मानते हुए सलीम, राशिद, आसमोहम्मद, ज़हीर, फरमान, अकरम और यूसुफ समेत 13 आरोपियों को जमानत दे दी। सभी आरोपियों से ₹50000 का निजी मुचलका भरवाया गया है।

अधिवक्ता डॉक्टर पूनम यादव का कहना है कि एक आरोपी यूसुफ जेल से बाहर आ चुका है, जबकि 12 आरोपियों के जमानत सम्बन्धी दस्तावेजों की जांच चल रही। दस्तावेजों की जांच होते ही एक दो दिन में वह भी जेल से बाहर आ आजायेंगे। पुलिस इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश नहीं कर सकी।

जमानत पर जेल से छूटे यूसुफ का कहना है वह हिंसा में शामिल नहीं था। पुलिस ने गिरफ्तार किया। और जेल भेज दिया।

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