सरकार और किसान संगठन के बीच आज 10वें दौर की बातचीत, क्या निकलेगा हल?

मंगलवार को होने वाली इस बैठक को सरकार ने ट्रैक्टर रैली और सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति पर किसान संगठनों का रुख भांपने के लिए एक दिन के लिए टाल दी थी।

तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 55 दिनों से जारी आंदोलन के बीच केंद्र सरकार बुधवार को किसान संगठनों के साथ दसवें दौर की बातचीत करेगी।

सरकार इस बैठक में किसानों से गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली न करने का अनुरोध करने के साथ ही फिर से कानूनों के प्रावधान पर चर्चा का प्रस्ताव देगी।

वहीं, ट्रैक्टर रैली निकालने पर अडे़ किसान नेताओं को दिल्ली, यूपी और हरियाणा की पुलिस मना नहीं पाई।

पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को सुबह 11 बजे से  शुरू हुई तकरीबन एक घंटे की बैठक में किसान नेताओं से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा, मगर किसान नहीं माने।

माना जा रहा है कि अगली बैठक एक या दो दिन में फिर होगी। वहीं, तीनों कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति की मंगलवार को पहली बैठक पूसा परिसर में हुई, जिसमें यह तय किया गया है कि समिति किसानों के साथ 21 जनवरी को पहली बैठक करेगी, जो सुबह 11 बजे शुरू होगी।

जो किसान बैठक में नहीं आ सकते हैं उनकी राय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ली जाएगी।

बुधवार को ही ट्रैक्टर रैली के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी है। वहीं, दसवें दौर की बैठक में भी सरकार अपने पुराने रुख से पीछे नहीं हटेगी।

सरकार की ओर से एक बार फिर से किसान संगठनों को कानून के प्रावधानों पर आपत्तियां देने के लिए कहा जाएगा।

घनवट बोले-कानूनों पर होगी निष्पक्ष चर्चा, निजी राय अलग रखेंगे सदस्य
समिति के सदस्य अनिल घनवट ने कहा, इन कानूनों पर निष्पक्ष चर्चा होगी।

समिति के सदस्य रिपोर्ट तैयार करने के दौरान कृषि कानूनों पर अपनी निजी राय को अलग रखेंगे।

महाराष्ट्र के शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट ने कहा, हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि हमें कानूनों के समर्थन और विरोध कर रहे सभी किसान संगठनों को सुनना है और रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट को भेजनी है। हम सरकार या किसी के भी  पक्ष में नहीं हैं।

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