विश्व बाल दिवस: बच्चों ने सांसद सदस्यों को चार्टर ऑफ डिमांड्स प्रस्तुत किया, जानें क्यों

नई दिल्ली, 20 नवंबर 2021 – बच्चों के द्वारा तथा बच्चों के साथ मिलकर बच्चों के अधिकारों तथा इस संदर्भ में कार्रवाई की वकालत करने के दिन यानि विश्व बाल दिवस के अवसर पर, यूनिसेफ इंडिया के साथ साझेदारी में बच्चों के लिए सांसदों का समूह (पीजीसी) ने पीजीसी अध्यक्ष माननीय श्री गौरव गोगोई तथा संयोजक – माननीय सांसद वंदना चव्हाण, माननीय सांसद डॉ. संजय जायसवाल, माननीय सांसद डॉ. हिना गावित तथा माननीय सांसद ई.टी. मोहम्मद बशीर सहित 35 विशिष्ट संसद सदस्यों की गरिमापूर्ण उपस्थिति में वर्चुअल प्रारुप में ‘बच्चों की संसद (चिल्ड्रेन्स पार्लियामेंट)’ का आयोजन किया।सत्र के वक्ताओं में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री इंदेवर पांडे, भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शोम्बी शार्प तथा यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि यासुमासा किमुरा शामिल थे।

16 राज्यों के 1500 बच्चों का प्रतिनिधित्व करने वाले 14 बच्चों ने महामारी की वजह से लंबे समय तक स्कूलों के बंद रहने से अपनी पढ़ाई को होने वाले नुकसान तथा उनके सामने आने वाली चुनौतियों को साझा किया। बच्चों तथा युवाओं ने सांसदों को अपनी मांगों का एक नौ सूत्री चार्टर प्रस्तुत किया तथा उनसे अपनी पढ़ाई को जल्द शुरु करने हेतु उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया।

एक वर्ष से अधिक समय के पश्चात देश भर को स्कूलों को सुरक्षित तरीके से पुनः खोलने के साथ, चिल्ड्रन चार्टर ऑफ़ डिमांड्स स्कूलों के सुरक्षित तरीके से पुनः खोलने के साथ-साथ ऑनलाइन लर्निंग तक समान पहुंच, पाठ्यक्रम को कम करने तथा बच्चों के टीकाकरण को प्राथमिकता देने पर ध्यान केंद्रित करता है। चिल्ड्रन चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को साझा करने के पश्चात कुछ सवाल, जवाब तथा खुली चर्चा का आयोजन किया गया।

चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को प्रस्तुत करने में शामिल रही दिल्ली की 15 वर्षीय कृतिका ने कहा कि, “मुझे और मेरे दोस्तों को अपनी पढ़ाई को लेकर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आज हम उनके आभारी हैं कि सांसद हमारी मांगों को सुनने के लिए यहां आए हुए हैं।”

स्कूलों के लंबे समय तक बंद रहने से न केवल पढ़ाई बल्कि बच्चों के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। इस दौरान, ऑनलाइन लर्निंग तक सभी की पहुंच नहीं थी। 2020 में छह राज्यों – असम, बिहार, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश में किए गए यूनिसेफ के आंकलन के अनुसार, 5-13 वर्ष की आयु के बच्चों के 76 प्रतिशत माता-पिता तथा 14-18 वर्ष के 80 प्रतिशत किशोरों ने माना कि वे इस दौरान स्कूल की तुलना में कम पढ़ पा रहे थे।

महामारी के दौरान पढाई की स्थिति[1] पर यूनिसेफ द्वारा कराये गए एक सर्वे से पता चला था कि सर्वे में शामिल 10 प्रतिशत से अधिक छात्रों के घरों या बाहर स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं थी। यह भी पाया गया कि करीब 45 प्रतिशत बच्चे जो रिमोट लर्निंग के ज़रिए पढ़ाई नहीं कर रहे थे, वे किसी ऐसे संसाधन से पूरी तरह अनजान थे जिससे वे अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। यह पढ़ाई हेतु फिजिकल स्पेस के रुप में स्कूलों के महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित करता है।

सांसदों, बच्चों तथा मेहमानों का स्वागत करते हुए, माननीय सांसद तथा बच्चों के लिए सांसदों का समूह के अध्यक्ष, गौरव गोगोई ने दोहराया कि, विश्व बाल दिवस बच्चों की उम्मीदें, सपने तथा आकांक्षाएं बरकरार रहें, इस संदर्भ में हम सभी को हमारी प्रतिबद्धता तथा कर्तव्य की याद दिलाता है। बच्चों को कल के नेता तथा भारत का भविष्य बताते हुए उन्होंने कहा, “क्योंकि हम अब आगे बढ़ रहे हैं, मैं कहना चाहूंगा कि हम पूरे दिल से आप सभी का हित चाहते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज हमें जो अनुभव मिला है, वह हमें इस दिशा में और अधिक मेहनत करने हेतु हमारा मार्गदर्शन करेगा।”

पीजीसी एक ऐसा मंच है जो बच्चों के अधिकारों पर कई राज्यों तथा राजनीतिक क्षेत्रों के संसद सदस्यों को एक साथ लाता है, जानकारी देता है तथा उन्हें एक साथ जोड़ता है। शिक्षा को ह्यूमन कैपिटल (मानव पूंजी) को प्रभावित करने वाला मुख्य घटक मानते हुए, पीजीसी शिक्षा संबंधी बाधाओं को दूर करने के तरीके सुझाने में सबसे आगे रहा है।

भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री इंदेवर पांडेय ने अपने भाषण में कहा कि, “आज के सेशन में शामिल होने वाले बच्चों में कल का नेता बनने की संभावना नज़र आती है। वे चेंजमेकर हैं जो हमारे भविष्य को आकार देंगे। मैं दोहराना चाहूंगा कि सरकार एक ऐसी दुनिया बनाने का काम कर रही है जिसमें हर बच्चे का बचपन सुरक्षित तथा स्वस्थ हो। सरकार आपके भविष्य की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है और हम सभी यह सुनिश्चित करने का काम कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे।”

भारत में संयुक्त राष्ट्र के नए रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शोम्बी शार्प ने कहा कि, “आज, हम बच्चों तथा पॉलिसीमेकर्स के साथ भारत भर के युवाओं से यह जानकर कि बेहतर आज तथा कल का निर्माण कैसे हो सकता है, विश्व बाल दिवस यानि बाल दिवस मनाने हेतु एकत्र हुए हैं। वैश्विक स्तर पर बाल अधिकारों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा संयुक्त राष्ट्र को 2030 पूर्ण एजेंडे के लिए सहयोग हेतु एसडीजी 4 (क्वालिटी एजुकेशन) हासिल करने में अपना भागीदार होने पर गर्व है।”

यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि यासुमासा किमुरा ने कहा कि, “वैश्विक महामारी की वजह से बच्चों पर कई तरह का प्रभाव पड़ा है, जिसमें बच्चों का पोषण, टीकाकरण, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। चूंकि हम अनगिनत बच्चों की स्कूली पढ़ाई में बाधा ड़ालने वाली महामारी से लगभग दो वर्षों से बाहर निकलने की उम्मीद कर रहे हैं, इसलिए अब उनकी पढ़ाई को पुनः शुरु करने हेतु ठोस योजना बनाने की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा कि, “आप सभी भागीदारी से हमें उम्मीद है कि बच्चों के सर्वोत्तम हितों का ध्यान रखते हुए तथा उनकी पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए हमें पॉलिसी में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा।”

भारत बाल अधिकार सप्ताह

14 नवंबर को राष्ट्रीय बाल दिवस से लेकर 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस तक, यूनिसेफ ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के पश्चात बच्चों के अधिकारों पर एकजुटता दर्शाने हेतु भारत भर में कई गतिविधियों का आयोजन किया:

गो ब्लू: राष्ट्रपति भवन, उत्तर व दक्षिण ब्लॉक, संसद भवन तथा कुतुब मीनार, नई दिल्ली स्थित भारतीय महिला प्रेस कोर, और भारत भर की अन्य महत्वपूर्ण इमारतों के साथ-साथ दो सौ तीस से अधिक प्रतिष्ठित सरकारी भवनों तथा स्मारकों 19-20 नवंबर को नीले रंग की लाइट से सजाया गया था, जो बाल अधिकारों के राष्ट्रव्यापी उत्सव को दर्शाता है तथा बच्चों की पढ़ाई को पुनः शुरु करने पर ध्यान केंद्रित था।

  • झारखंड में मुख्यमंत्री आवास, शिक्षा परियोजना परिषद्, कुछ स्कूल, विधानसभा, राजभवन (गवर्नर हाउस) को नीली रोशनी से सजाया गया।
  • मध्य प्रदेश में झाबुआ और धार जिलों के दो आदिवासी गांवों और विधानसभा तथा राजभवन समेत 75 पर्यटन स्थलों को नीली रोशनी से रोशन किया गया।
  • राजस्थान ने जयपुर स्थित हवा महल, राज्य विधान सभा, जवाहर सर्कल व पत्रिका सर्कल को नीली लाइटों से रोशन करके बच्चों के अधिकारों का समर्थन किया।
  • उत्तर प्रदेश में, लखनऊ मेट्रो स्टेशन, 90 चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन तथा लखनऊ और वाराणसी रेलवे स्टेशन नीली रोशनी से जगमगा उठे।
  • देश भर में अन्य प्रमुख इमारतें जो इस अवसर पर नीली रोशनी से जगमगाई, उनमें हावड़ा ब्रिज, कोलकाता (पश्चिम बंगाल), चारमीनार, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद (तेलंगाना), सूर्य मंदिर, कोणार्क (ओडिशा), रायपुर (छत्तीसगढ़) में घंटाघर, गांधी मंडप, गुवाहाटी (असम) में ब्रह्मपुत्र नदी विरासत केंद्र और रोप वे, साइंस सिटी तथा रानी-की-वाव, अहमदाबाद (गुजरात) में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, खानकाह मुनेमिया कमरिया, पटना (बिहार) में एक प्रमुख सूफी स्थल, और मुंबई (महाराष्ट्र) में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ऐतिहासिक टर्मिनल ट्रेन स्टेशन तथा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल जैसी प्रमुख संरचनाएं और स्मारक शामिल हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर कार्यालय, नई दिल्ली में यूएनएचसीआर तथा भारत भर के यूनिसेफ कार्यालयों सहित सोलह संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भी बच्चों के अधिकारों के लिए एकजुटता दिखाई।
  • भारत भर में कई स्कूलों तथा कक्षाओं में किड्स टेकओवर का आयोजन हुआ। किड्स टेकओवर डब्ल्यूसीडी को बच्चों के लिए बच्चों के द्वारा कार्रवाई का दिन बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यूनिसेफ बिहार कार्यालय को बीस बच्चों को सौंपा गया, जबकि सीएफओ की भूमिका 8 साल के बच्चे ने संभाली। इस बाल अधिकार सप्ताह के दौरान आठ राज्यों के बच्चों को स्कूलों, कक्षाओं, रेडियो स्टेशनों, साइंस सिटी व यूनिसेफ के सोशल चैनलों की जिम्मेदारी सौंपी गई।
  • कॉर्पोरेट भागीदार जुड़ाव: अपने कॉर्पोरेट जुड़ाव के हिस्से के रूप में, यूनिसेफ के भागीदारों, Housing.com, एसएटीओ-लिक्जिल ने बच्चों को अपने सोशल प्लेटफार्म प्रदान किए। गूगल इंडिया के सोशल चैनलों पर, यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने बच्चों की सुरक्षा, भलाई व विकास से जुड़े सवालों के जवाब दिए। ओरेकल इंडिया के कर्मचारियों के बच्चे इस सप्ताह सुनने की शक्ति खो चुके बच्चों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दे रहे हैं तथा उनके कर्मचारी भी इसमें शामिल हो रहे हैं। बी-मेडिकल सिस्टम पूरे सप्ताह के लिए अपने कॉर्पोरेट कार्यालय तथा मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को नीले रंग में रोशन करके #गोब्लू अभियान में शामिल हुए तथा वर्ष 2021 के लिए डब्ल्यूसीडी विषय पर प्रकाश डालते हुए अपने कार्यालय में किड्सटेकओवर सेशन की सुविधा प्रदान की।
  • ग्रैमी पुरस्कार विजेता तथा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए यूनिसेफ सेलिब्रिटी समर्थक रिकी केज और 20 प्रसिद्ध गायकों ने 20 नवंबर को वर्चुअल म्यूजिक कन्सर्ट का आयोजन किया था।
  • सांकेतिक पैन्डेमिक क्लासरुम की स्थापना: सप्ताह की शुरुआत में, यूनिसेफ इंडिया ने विश्व बाल दिवस से पूर्व 14 नवंबर 2021 को राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में एक चुनिंदा सिटीवॉक में एक प्रतीकात्मक ‘पैन्डेमिक क्लासरुम’ का अनावरण किया। उन लाखों बच्चों की दुर्दशा की ओर ध्यान खींचने हेतु बैकपैक्स के साथ खाली डेस्क व कुर्सियां लगाई गईं, जो महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के कारण एक वर्ष से अधिक समय से स्कूल जाने से वंचित हैं तथा जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई को नुकसान हो रहा है।

 

 

 

 

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