मुजफ्फरनगर में कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर फायरिंग करने का आरोप

जनपद मुजफ्फरनगर में कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत पर हंगामा खड़ा हो गया घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गई आरोप है कि मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों से मृतक की मेडिकल हिस्ट्री की मांग की तो डॉ बिफर पड़े और उन्होंने मृतक की मेडिकल हिस्ट्री देने से साफ इनकार कर दिया मृतक के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने उनसे 2 लांख रुपये जमा कराए थे और मात्र 1 दिन के बाद ही मरीज की मौत हो जाने के बाद 1लांख 31हज़ार 500 वापस कर रहे थे इस बीच उन्होंने डॉक्टरों से मरीज की मेडिकल हिस्ट्री मांगी तो उनके साथ बदतमीजी शुरु कर दी यहां तक की डॉक्टर देवेंद्र सैनी के भाई पर मृतक के परिजनों पर फायरिंग का भी आरोप है घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत किया

दरअसल मामला थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के आर्य पुरी का है जहां डॉक्टर देवेंद्र सैनी का हार्ट केयर एवं इमरजेंसी सेंटर हॉस्पिटल है जो इस वक्त कोविड हॉस्पिटल भी बनाया गया है जानकारी के अनुसार पीड़ित थाना सिविल लाइन क्षेत्र के प्रकाश चौंक निवासी अर्चित गुप्ता के दादा एन.के. गुप्ता को कोरोना हुआ था जिन्हें इसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था मृतक के पौते अर्चित गुप्ता का आरोप है कि कल भर्ती करने के समय डॉक्टर ने कहा था कि इनकी हालत ठीक है 2 लांख रुपये जमा कर दो इसके बाद हमने 2 लांख रुपये जमा कर दिए और आज सुबह फिर डॉक्टरों का फोन आया की मरीज को वेंटीलेटर पर रखना पड़ेगा आकर साइन कर दो इसके बाद उन्होंने आकर डॉक्टर द्वारा दिए गए कागजातों पर साइन कर दिए मगर 4:00 बजे फिर डॉक्टरों का फोन आया कि तुम्हारा मरीज नहीं रहा इसके बाद वे हॉस्पिटल पहुंचे डॉक्टरों से पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोपहर में मरीज की हालत ठीक थी और शाम होने से पहले ही मरीज की मौत हो गई उन्होंने मृतक की मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर से मांगी तो हंगामा खड़ा हो गया आरोप है कि डॉ देवेंद्र सैनी के बारे में मृतक के परिजनों पर फायरिंग की उन्होंने किसी तरह चुप कर अपनी जान बचाई घटना के बाद मौके पर हंगामा खड़ा हो गया इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए पहले तो पुलिस ने मृतक के पोते अर्चित गुप्ता व उसके एक अन्य परिजन को हिरासत में ले लिया मगर बाद में छोड़ दिया गया वहीं घटना के बाद डाक्टरों में भी रोष व्याप्त हो गया जिन्होंने मृतक के परिजनों पर हमला करने का आरोप लगाया डॉक्टरों का आरोप है कि मरीज की हालत खराब थी जिससे मौत होने पर उन्हें सूचना दी गई मृतक के परिजन मृतक के शव को मांग रहे थे कॉविड नियमों के अनुसार किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज के शव को उसके परिजनों को नहीं सौंपा जा सकता घंटे चले हंगामे के बाद डॉक्टर स्टाफ ने भी जिला प्रशासन पर तरह तरह का दबाव बनाया मगर बाद में मामला शांत हो गया

Related Articles

Back to top button