रायपुर: छत्तीसगढ़ के राजस्व ग्रामों में रि-सर्वे के लिए अत्याधुनिक लिडार तकनीक का होगा इस्तेमाल

रायपुर , 3 फ़रवरी

छत्तीसगढ़ के सभी राजस्व ग्रामों में अत्याधुनिक तकनीक लिडार तकनीक से पुनः सर्वेक्षण किया जाएगा। मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में गुरवार की देर शाम मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने राजस्व ग्राम के पुनः सर्वेक्षण के लिए लिडार सहित विभिन्न तकनीकों के संबंध में प्रेजेन्टेशन दिया। बैठक में लिडार तकनीक पर सहमति बनी। इस परियोजना की लागत 594.71 करोड़ होगी। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक में वन विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने अपने विभागीय परियोजनाओं के संबंध में पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में वन विभाग के प्रेजेन्टेशन में प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वन एवं वन्य जीव संरक्षण प्रबंधन तथा नरवा विकास के तहत भू-जल संरक्षण कार्यों के लिए अत्याधुनिक लिडार तकनीक से सर्वे कराए जाएगा। इसके लिए 187 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की गई है। इसी प्रकार जल संसाधन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में प्रस्तावित कोलबिर्रा मध्यम जलाशय परियोजना निर्माण के संबंध में प्रेजेन्टेशन में बताया कि इस परियोजना की लागत करीब 236 करोड़ 23 लाख रुपये होगी। इस मध्यम सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने से करीब 4 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई इस बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, सीआईडीसी के प्रबंध संचालक सारांश मित्तर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव एस. एस. भारतीदासन, विशेष सचिव नगरीय प्रशासन अयाज तम्बोली सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

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