उत्तराखंडः साधु-संतों के स्वास्थ्य की जांच लिए हरिद्वार में भी होगा पंजीकरण

देहरादून : जगद्गुरु आश्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रतिनिधि के साथ सभी 13 अखाड़ों के संत महात्माओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में एम्स ऋषिकेश में स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार के लिए साधु समाज की सहायता के लिए पंजीकरण सुविधा आदि पर विचार विमर्श किया गया। एम्स प्रशासन ने एम्स के साथ-साथ हरिद्वार में भी संत-महात्माओं के लिए पंजीकरण सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने संत-समाज को भरोसा दिलाया कि एम्स ऋषिकेश के सेवा एवं संपर्क अधिकारी के माध्यम से जल्द ही संत- महात्माओं के लिए एम्स ऋषिकेश और हरिद्वार परिक्षेत्र में इलाज हेतु पंजीकरण के लिए एक विशेष काउंटर की व्यवस्था कराई जाएगी। संत समाज के तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की एम्स के प्रतिनिधि सेवा एवं संपर्क अधिकारी डा.नवनीत मग्गो के साथ बीते दिवस हरिद्वार स्थित जगद्गुरु आश्रम में संपर्क बैठक हुई थी। इसमें श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचायती निर्वाणी अखाड़ा, श्री पंचायती महानिरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा आदि 13 अखाड़ों से जुड़े साधु, संत शामिल हुए थे।

बैठक को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि साधु समाज के लोग गृहस्थ जीवन व अपने परिवार का त्याग करके जीवजगत के कल्याण व सेवा में जीवनपर्यंत योगदान देते हैं। ऐसे में बुजुर्ग और गंभीर बीमार संत-संन्यासियों को एम्स में पंजीकरण एवं उपचार सुविधा में सहायता मिलनी चाहिए।

बैठक में श्री पंच दिगंबर अणी अखाड़े के महंत बलराम दास (हठयोगी), महंत विष्णु दास (श्री पंच निर्मोही अणी अखाड़ा), महंत दुर्गा दास (श्रीपंच निर्वाणी अणी अखाड़ा), महंत सत्यम गिरी (श्री शंभु पंचायती अखाड़ा), संत देवेंद्र सिंह शास्त्री (श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल), महंत रविंद्र पुरी ( श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा) आदि मौजूद रहे।

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