राहुल ने किसानों से की बात, कृषि विधेयकों के विरोध को बताया सही

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय खेती के संरक्षण के लिए किसानों की बात सुने जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से लेकर इसकी सम्पन्नता में भारत के किसानों की महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार इनकी बातों को ध्यान से सुने और जरूरतों ध्यान रखे। लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के बजाय पूंजीपतियों के लिए योजनाएं बनाने में लगी है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को किसानों से बातचीत की और उनसे कृषि विधेयकों को लेकर उनकी समस्याओं को जाना। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से किसानों ने राहुल से संवाद किया और इस विधेयक को खेती-किसानी के लिए नुकसानदेह बताया। उन्होंने यह भी बताया कि क्यों और कैसे मोदी सरकार का कृषि विधेयक खेती और किसानों को बर्बाद करेगा।

अपने वीडियो प्रोग्राम ‘देश की आवाज- हमारे किसान’ के तहत राहुल ने किसानों से बातचीत के बाद कहा कि ‘किसानों से बातचीत करके एक बात साफ़ हो गयी- उन्हें मोदी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। किसान भाइयों की बुलंद आवाज़ के साथ हम सब की आवाज़ भी जुड़ी है और आज पूरा देश मिलकर इन कृषि क़ानूनों का विरोध करता है।’

अपने वीडियो में राहुल ने कहा कि हमारे किसान देश की आवाज हैं। भाजपा सरकार अपने तानाशाही रवैये के कारण देश की आवाज को नजरअंदाज कर रही है। किसान कह रहे हैं कि उन्हें अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन की गारंटी दी जानी चाहिए लेकिन सरकार अपनी नीतियों पर काम करते हुए पूंजीपतियों की ही मदद करने में लगी है।

इस दौरान राहुल ने कहा कि भारतीय कृषि और किसानों को बचाने के लिए सरकार के इन कानूनों का विरोध करना ही पड़ेगा। किसानों के लिए नहीं हिन्दुस्तान के भविष्य के लिए। उन्होंने कहा कि ये किसान आज देश के युवा, सेना, पुलिस आदि सभी की आवाज है। इन्हीं किसानों के मजबूत इरादे से देश ने आजादी ली थी और आज एक बार फिर किसानों की आवाज से ही देश पूंजीपति साम्राज्य से आजाद होगा।

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