आखिर बरी हुए राहुल द्रविड़, था ये आरोप

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान राहुल द्रविड़ को हितों के टकराव के आरोपों से बरी कर दिया गया है | बीसीसीआई के इथिक्‍स ऑफिसर जस्टिस (रिटायर्ड) डीके जैन ने मामले के सभी पहलुओं को देखने और द्रविड़ की सफाई को सुनने के बाद यह फैसला दिया | जस्टिस जैन ने गुरुवार को दो सुनवाई के बाद द्रविड़ को क्‍लीन चिट दी | बता दें कि द्रविड़ के खिलाफ मध्‍य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्‍य संजीव गुप्‍ता ने हितों के टकराव का आरोप लगाया था | गुप्‍ता का आरोप था कि द्रविड़ एक समय पर एक से ज्‍यादा पोस्‍ट पर थे जो कि बीसीसीआई के संविधान का उल्‍लंघन है |

शिकायत में कहा गया कि द्रविड़ जुलाई में बीसीसीआई की ओर से नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्‍टर पद पर नियुक्‍त किए जाने के समय इंडिया सीमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में उपाध्‍यक्ष पद पर भी थे | गुप्‍ता का दावा था कि इस कंपनी का संबंध चेन्‍नई सुपर किंग्‍स से है |

जस्टिस जैन ने अपने आदेश में कहा कि द्रविड़ के खिलाफ टकराव का मामला बन नहीं पाया ऐसे में उन्‍होंने शिकायत को खारिज कर दिया क्‍योंकि इसमें कोई मेरिट नहीं थी | आदेश में जस्टिस डीके जैन ने कहा, ‘मैंने शिकायत खारिज कर दी है | राहुल द्रविड़ पर हितों के टकराव का मामला नहीं बनता | मैं मौजूदा तथ्‍यों के आधार पर संतुष्‍ट हूं कि नियमों के तहत जो हितों के टकराव का मामला बनता है वह यहां सामने नहीं आया | नतीजे के तहत मेरिट की कमी के चलते शिकायत खारिज की जाती है |

द्रविड़ को इस मामले में सबसे पहले जस्टिस जैन ने अगस्‍त की शुरुआत में पेश होने को कहा था | हालांकि इस दिग्‍गज क्रिकेटर ने पत्र लिखकर बताया था कि उन्‍होंने इंडिया सीमेंट्स के साथ अपना संबंध निलंबित कर रखा है और उन्‍हें वहां से कोई पैसा नहीं मिलता | लेकिन द्रविड़ को सुनवाई के लिए पेश होना पड़ा. 26 सितंबर को मुंबई में जस्टिस जैन से द्रविड़ पहली बार मिले | इसके बाद 12 नवंबर को दूसरी बार दिल्‍ली में सुनवाई हुई |

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