अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बोले पीएम मोदी- कोरोना काल में उम्मीद की किरण बना योग

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो. आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि अब विश्व को, M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है. इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे.

इस बार योग दिवस का मुख्य विषयवस्तु तंदुरुस्ती के लिए योग है. इससे पहले रविवार को मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘कल 21 जून को हम सातवां योग दिवस मनाएंगे. इस साल की मुख्य विषयवस्तु तंदुरुस्ती के लिए योग है, जो शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए योगाभ्यास पर केंद्रित है.’ उन्होंने कहा, ‘लगभग 6.30 बजे सुबह योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करूंगा.’

आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस महामारी के अनुभव ने योग के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जनता को अधिक जागरूक बना दिया है और इस अनुभव को आयुष मंत्रालय ने अपने प्रचार प्रयासों में विधिवत समायोजित किया है.

पीएम ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है.दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है.

पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना के अदृष्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश, साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था. हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में, योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस कोई उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है. इस मुश्किल समय में, इतनी परेशानी में लोग इसे भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे. लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है.

पीएम ने कहा कि जब मैं फ्रंटलाइन योद्धाओं और डॉक्टरों से बात करता हूं, तो वे मुझे बताते हैं कि उन्होंने योग को कोरोना के खिलाफ लड़ने का हथियार बनाया. उन्होंने न केवल अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि रोगियों की भी सुरक्षा के लिए योग का उपयोग किया है.

पीएम ने कहा कि योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ और नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है.  योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है. उन्होंने कहा कि भारत के ऋषियों ने, भारत ने जब भी स्वास्थ्य की बात की है, तो इसका मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं रहा है. इसीलिए, योग में फ़िज़िकल हेल्थ के साथ साथ मेंटल हेल्थ पर इतना ज़ोर दिया गया है.

पीएम ने कहा कि जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो. आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि अब विश्व को, M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है. इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे.

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