एडीजी कार्यालय में एक ही IMEI पर चल रहे थे 13 हजार फोन, कंपनी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

मेरठ। कोरोना वायरस के जन्मदाता चाइना की एक मोबाइल कंपनी का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा है। एडीजी कार्यालय में तैनात दरोगा के मोबाइल के आईएमईआई नंबर पर 13 हजार से अधिक मोबाइल रजिस्टर्ड पाए गए हैं। सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के कारण इस मामले में चाइनीज कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए साइबर सेल जांच में जुट गई है।

मेरठ एडीजी दफ्तर में तैनात पुलिस अधिकारी आसाराम के सेल फोन में दिक्कत आ गई थी। जो कि 2019 में रिपेयर होने के लिए गया था लेकिन रिपेयर होने के बाद सेल फोन की डिस्प्ले पर कुछ गड़बड़ियां होने लगी जिससे उन्हें शक हुआ। उन्होंने सेल फोन को अपनी ही साइबर क्राइम सेल में चेक कराया तो उनका IMEI नंबर अन्य सेलफोन से मैच हुआ। अन्य सेलफोन भी एक नहीं दो नहीं बल्कि 13000 से ऊपर पाए गए। यानी कि 13000 से अधिक सेल फोन के अंदर एक ही आइडेंटी आईएमईआई नंबर चलने का खुलासा हुआ।

यह खुलासा होते ही हड़कंप मच गया बाकायदा एडीजी जोन मेरठ राजीव सब्बरवाल ने इसमें क्रॉस चेक कराने के लिए दिल्ली की साइबर क्राइम सेल को मामला दिया। लेकिन वहां भी इसी प्रकार का खुलासा होने से सभी सकते में आ गए। आनन-फानन में मामले की छानबीन शुरू कर दी गई। उधर एडीजी जोन मेरठ राजीव सभरवाल ने इस मामले में मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया और अभी कई साइबर क्राइम की टीम इस पर जांच कर रही है।

एडीजी का कहना है अगर यह अनजाने में त्रुटि हुई है तो अलग बात है लेकिन अगर किसी प्रकार की चूक या गलती कंपनी से की गई है। तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होना लाजमी है। बहरहाल अभी इस मामले में जांच के बाद ही कार्रवाई हो पाएगी लेकिन इस मामले ने हिंदुस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को जरूर खतरे में डाला है क्योंकि अगर कोई भी व्यक्ति साइबर क्राइम करना चाहें तो इन सेल फोन के माध्यम से आसानी से कर सकता है और साइबर क्राइम सेल की निगाहों से भी बच सकता है, क्योंकि मोबाइल की आइडेंटी को तलाशने के लिए IMEI नंबर को ट्रेस करना पड़ता है। लेकिन अगर एक से अधिक सेल फोन में एक ही नंबर चल रहा हो तो उसको ट्रेस कर पाना कितना मुश्किल होगा यह सभी समझ सकते हैं। अब इस मामले में देखना होगा कि पुलिस आगे की जांच कर किस तरीके से कार्यवाही करेगी और पूरी जांच रिपोर्ट कब तक आएगी

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