केंद्र सरकार के निर्देश कोविड-19 के लिए अस्पताल अलग से बनाए जाए

पत्रकार रत्ना शुक्ला

भारत में कोरोनावायरस तेजी से फैलता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक यह आंकड़ा हजार के पार हो चुका है। वही कोरोनावायरस को लेकर अब बड़ी खबर है कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से बोला है कि कोविड-19 के लिए हॉस्पिटल अलग से बनाए जाएं। हॉस्पिटल में दोनों तरह के पेशेंट इकट्ठे नहीं रखे जाएंगे।

इस मामले पर पत्रकार रत्ना शुक्ला ने बताया कि कोविड-19 के मरीज और सामान्य मरीज अब एक साथ नहीं रह सकते हैं। यानी कोविड-19 के अस्पताल अलग से बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इटली में ऐसी गलती की गई थी जिसकी वजह से 40 फ़ीसदी अस्पताल के लोग कोरोनावायरस के संक्रमण में आ गए थे।

बता दें कि पत्रकार रत्ना शुक्ला की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया है कि अगर जरूरत पड़ी तो निजी अस्पतालों को भी खाली करा लिया जाएगा। दिल्ली के लिए 3000 आईसीयू बेड और 19 अस्पतालों की मांग रखी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस हफ्ते तक सारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। इस समय प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह अपने यहां कुछ लिमिटेड आईसीयू, आइसोलेशन बेड तैयार रखें कोविड-19 पेशेंट के लिए।

कोविड-19 की टास्क फोर्स ने दिल्ली गवर्नमेंट से कहा है की वह कोविड-19 के अस्पताल बनाएं और जरूरत पड़े तो प्राइवेट हॉस्पिटल से बात कर के उनको कोविड-19 बनाए। उन्होंने यह कहा कि दिल्ली के हालातो को देखते हुए हमें 3000 आईसीयू बेड की जरूरत पड़ेगी। इस को ध्यान में रखते हुए सरकार को यह फैसला करना पड़ेगा कि कितने सरकारी अस्पताल को हम को खाली कराए और अगर जरूरत पड़े तो कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी लिए जा सकते हैं।

कोविड-19 की टास्क फोर्स के मुताबिक आगे संक्रमण फैलने से रोका जा रहा है लेकिन इससे पहले कितने लोग संक्रमण में आ चुके हैं इसका आकलन 6 अप्रैल को किया जाएगा। उस समय यह भी देखा जाएगा कि उन संक्रमित लोगों के संक्रमण में कितने लोग आ चुके है। फिर 14 दिन के फार्मूले के आधार पर उन्हें अलग रखा जाएगा।

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