बीजेपी नेताओं के खिलाफ दिए बयान से पलटे नरेश टिकैत, कही ये बात

जनपद शामली में शहीद जयपाल सिंह की 34 वी पुण्यतिथि पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत अपने द्वारा बीजेपी नेताओं के खिलाफ दिए गए बयान पर मुकरते हुए दिखाई दिए। नरेश टिकैत ने महापंचायत के दौरान कहा था कि बीजेपी नेताओं को अपने शादी, ब्याह में बुलाना बंद कर दें और जो इन लोगों को बुलाएगा अगले दिन उसके घर पर 100 लोगों का खाना कर कर उसे खिलाना पड़ेगा। इस बयान पर नरेश टिकैत ने पलटते हुए कहा कि यह तो उनके द्वारा ऐसे ही हंसी मजाक के लिए कह दिया गया था वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन इसका असर तो हुआ है संजीव बालियान को कई गांव में विरोध झेलना पड़ा है। किसान आंदोलन के बारे में नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के चलते आंदोलन चौथे महीने में प्रवेश कर गया है और रणनीति यही है कि यह आंदोलन चलता रहेगा रोजाना हर गांव से 12 ट्रैक्टर ट्रॉली वहां पर जा रहे हैं और जब तक तीनों कृषि बिल वापस नहीं होंगे वहां से नहीं हटा जाएगा। टिकैत ने यह भी कहा कि किसी प्रकार की हिंसा को बढ़ावा नहीं देना है क्योंकि सरकार चाह रही है कि किसी तरीके से कोई बात सामने आए और किसानों का यह आंदोलन कमजोर पड़े ऐसा नहीं होने देना है।

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आपको बता दें कि 1 मार्च 1987 में भारतीय किसान यूनियन द्वारा जनपद शामली के खेड़ी करमू बिजली घर पर किसानों की विभीन्न माँगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था जिसमें गांव लिसाड़ के जयपाल सिंह शहीद हो गए थे और वहीं से किसान यूनियन के इस आंदोलन को नई क्रांति मिली थी। आज उन्हीं जयपाल सिंह की 34 वी पुण्यतिथि पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहां की किसान आंदोलन सरकार की हठधर्मिता के चलते चौथे महीने में प्रवेश कर गया है और लगातार रोजाना हर गांव से वहां पर किसान पहुंच रहे हैं और इस तरीके से यह आंदोलन और तेज होगा और जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक आंदोलन चलता रहेगा। नरेश टिकैत ने महापंचायत के दौरान बीजेपी नेताओं को लेकर दिए गए अपने बयान से पलटते हुए दिखाई दिए नरेश टिकैत ने महापंचायत में कहा था कि बीजेपी के नेताओं को अपने घर में शादी विवाह या अन्य फंक्शन पर बुलाना बंद कर दो अपने इस बयान से नरेश टिकैत पलटते हुए दिखाई दिए और उन्होंने कहा कि यह तो उन्होंने मजाक में कह दिया था लेकिन वहीं दूसरी ओर यह भी कहा कि इसका असर तो हुआ है संजीव बालियान का भैंसवाल और सौरम गाँव में काफी विरोध हुआ है।

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