किसी भी धर्म और जाति के लोग बन सकते पंजाब के CM, कांग्रेस में जारी घमासान के बीच मनीष तिवारी का बयान

 

 

पंजाब कांग्रेस के भीतर जारी संघर्ष के बीच पार्टी नेता मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि अगर कोई राज्य का नेतृत्व करने में सक्षम है तो धर्म और जाति आड़े नहीं आती है। उनकी टिप्पणी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह के ट्विटर पर बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हम पंजाब के सीएम के रूप में ग्रामीण पृष्ठभूमि से एक मझबी सिख क्यों नहीं हो सकते।

मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा, “सामाजिक समानता और योग्यता के बीच संतुलन आवश्यक है। सांकेतिक सहभागिता सामाजिक न्याय को सबसे ज्यादा नुकसान करता है। महान राष्ट्र मेरिट के आधार पर बनाए जाते हैं। यदि दलित, हिंदू/ओबीसी योग्यता के आधार पर राज्य का नेतृत्व करने में सक्षम हैं तो क्यों नहीं? धर्म / जाति रास्ते में नहीं आती है।”

शुक्रवार को पंजाब की जनसांख्यिकीय संरचना के जवाब में, आरपी सिंह ने कहा, “पंजाब के सीएम के रूप में हमारे पास ग्रामीण पृष्ठभूमि से एक मझबी सिख क्यों नहीं हो सकता है। कांग्रेस, बीजेपी, अकाली दल- देखते हैं कि पंजाब को अनुसूचित जाति से सीएम कौन देगा।”

पंजाब कांग्रेस में पिछले कई हफ्तों से सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है, जब सिद्धू ने कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुलेआम बगावत की। तिवारी ने पंजाब की जनसांख्यिकीय संरचना को साझा किया और कहा कि राज्य प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष दोनों है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, “पंजाब की जनसांख्यिकी’- सिख: 57.75 प्रतिशत, हिंदू: 38.49 प्रतिशत, दलित: 31:94 प्रतिशत (सिख और हिंदू)। पंजाब प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष दोनों है… लेकिन सामाजिक हित समूहों को संतुलित करना समानता की कुंजी है।”

 

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