जाने अयोध्या केस पर सुनवाई करने वाले वो पांच जज जो आज करेंगे ऐतिहासिक फैसला

सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर आज फैसला आएगा। वर्षों से चले आ रहे इस मामले की अंतिम सुनवाई चालीस दिनों में पूरी हुई है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की ओर से तीखी बहस की गई।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की पीठ ने इस मामले को सुना और अब यही पीठ ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा।

1.जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस पीठ की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर 2018 को बतौर मुख्य न्यायधीश पदभार ग्रहण किया था। 18 नवंबर, 1954 को जन्मे जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी। उन्होंने शुरुआत गुवाहाटी हाई कोर्ट से की, 2001 में गुवाहाटी हाई कोर्ट में जज भी बने। इसके बाद वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज 2010 में नियुक्त हुए, 2011 में वह पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 23 अप्रैल, 2012 को जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के जज बने। बतौर चीफ जस्टिस अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक मामलों को सुना है, जिसमें अयोध्या केस, NRC, जम्मू-कश्मीर पर याचिकाएं शामिल हैं।

2. जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (एस.ए. बोबड़े)

 

इस पीठ में दूसरे जज जस्टिस एस. ए. बोबड़े हैं। वो रंजन गोगोई के बाद अगले चीफ जस्टिस भी होंगे। 1978 में उन्होंने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र को ज्वाइन किया था। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की, 1998 में वरिष्ठ वकील भी बने। साल 2000 में उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में बतौर एडिशनल जज पदभार ग्रहण किया। इसके बाद वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 2013 में सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कमान संभाली। अब वह रंजन गोगोई के बाद अगले चीफ जस्टिस बनने जा रहें हैं।

3. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज का पदभार संभाला था। उनके पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट में भी वह बतौर जज रह चुके हैं। वह सबरीमाला, भीमा कोरेगांव, समलैंगिकता समेत कई बड़े मामलों में पीठ का हिस्सा रह चुके हैं।

4. जस्टिस अशोक भूषण

 

उत्तर प्रदेश से आने वाले जस्टिस अशोक भूषण का जन्म जौनपुर में हुआ था। वह साल 1979 में यूपी बार काउंसिल का हिस्सा बने, जिसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की। इसके अलावा उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में कई पदों पर काम किया और 2001 में बतौर जज नियुक्त हुए। 2014 में वह केरल हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए और 2015 में चीफ जस्टिस बने। 13 मई 2016 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यभार संभाला।

5. जस्टिस अब्दुल नज़ीर

 

अयोध्या मामले की बेंच में शामिल जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने 1983 में वकालत की शुरुआत की। उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की, बाद में वहां बतौर एडिशनल जज और परमानेंट जज कार्य किया। 17 फरवरी, 2017 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कार्यभार संभाला।

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