कोरोना की मार से अर्थव्यवस्था के बुरे हाल, जानिए सीनियर बिज़नेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के जवाब

प्रश्न 1 – मई में अर्थव्यवस्था का क्या हाल होगा ?

उत्तर – बहुत मुश्किल है अभी कहना। दरअसल, अभी तक नुकसान का कोई शुरुआती अनुमान नहीं लगाया गया है। वैसे भी पिछले कुछ दिनों से ही लॉकडाउन और उत्पादन रोकने जैसे ऐलान किए गए हैं, इसीलिए अभी नुकसान के बारे में सही-सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। लेकिन एक बात तो तय है कि चालू कारोबारी साल की चौथी तिमाही (जो 31 मार्च को खत्म होगी) के दौरान विकास दर पर असर पड़ेगा और उसका प्रभाव पूरे साल के विकास दर पर पड़ सकता है। अब यदि 14 अप्रैल तक लॉकडाउन खत्म हो जाए तो भी विभिन्न कंपनियों को रफ्तार पकड़ने में समय लगेगा। दूसरी ओर मांग में गिरावट आनी तय है। ऐसे में हम जून के अंत तक ये अनुमान लगा पाएंगे कि हमारा कितना नुकसान हुआ है। लेकिन मोटा-मोटी ये अंदाज लगाया जा सकता है कि अगले वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर में आधे फीसदी तक की कमी हो सकती है। हमारे लिए एक राहत की बात ये है कि खेती-बाड़ी की स्थिति अच्छी है, पैदावार काफी बेहतर है और इससे देश में खाद्यान्न की कमी नहीं होने वाली।

प्रश्न 2 – किन-किन क्षेत्रों पर कोरोना का ज्यादा असर पड़ेगा ?

उत्तर – दवा, उपभोक्ता सामान जैसे टीवी-फ्रिज-वाशिंग मशीन वगैरह और ऑटोमोबाइल, इन तीन क्षेत्रों पर तो असर तय है, क्योंकि इनके लिए कुछ कच्चा माल चीन से आता है और उनकी आपूर्ति अप्रैल के मध्य तक ही शुरु होने के आसार हैं। दूसरी ओर एयरलाइंस, होटल और पर्यटन से जुड़े तमाम दूसरे सेवा प्रदाता जैसे टैक्सी मुहैया कराने वालों के लिए काफी दिक्कते हैं, क्योंकि सब कुछ बंद पड़ा है और हर एक दिन की बंदी उनका घाटा बढ़ाएगा।

Automobile sector

प्रश्न 3– विभिन्न देशों में सरकार की ओऱ से पैकेज मुहैया कराया गया है। हमारे लिए क्या स्थिति है, क्या उसके बगैर स्थिति को संभाला जा सकता है ?

उत्तर – कोरोना के असर वाले देशों को समय के हिसाब से तीन श्रेणी में डाल सकता है। पहले में यकीनन चीन है, दूसरे में अमेरिका, इटली, स्पेन जैसे पश्चिमी और मध्य पूर्व के देश शामिल हैं, जबकि भारत और ब्राजील समेत कुछ देश तीसरी श्रेणी में है। दूसरी श्रेणी वाले कई देशों में आंकड़ा संग्रहण की अच्छी व्यवस्था है, लिहाजा उनके लिए नुकसान का शुरुआती अंदाजा लगाकर पैकेज का ऐलान करना आसाना था और उन्होंने किया। चूंकि भारत में महामारी का असर बाद में देखने को मिला और सारी आर्थिक गतिविधियों पर मार्च के दूसरे या तीसरे हफ्ता से ज्यादा असर पड़ा, इसीलिए अभी स्थिति का आंकलन चल रहा है। हम ये ना भूले कि हमारे पास आंकड़ा संग्रहण की व्यवस्था बहुत मजबूत नहीं है, लिहाजा पैकेज के ऐलान में कुछ समय लग रह है। एक बात तो तय है कि सरकार को कर रियायत या उद्योगों को सीधे वित्तीय मदद जैसे पैकेज का ऐलान तो करना ही होगा और उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाला टास्क फोर्स जल्द ही इस बारे में कोई घोषणा करेगा।

प्रश्न 4 – क्या शेयर बाजार दोबारा कोरोना पूर्व स्थिति को हासिल कर सकेगा

उत्तर – हमें याद रखना चाहिए कि हमारा शेयर बाजार सिर्फ घरेलू कारकों पर आधारित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर की गतिविधियां इसे ज्यादा प्रभावित करता है। इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है, लेकिन परेशानियों से उबारने के प्रयास तेजी पर है। चीन में दो महीने से ठप पड़ी औद्योगिक गतिविधियां दोबारा शुरु हो गयी है जबकि विकसित पश्चिमी देशों ने कई तरह के पैकेज दिए हैं। इन सब का शेयर बाजार पर असर दिखेगा। लेकिन कोरोना पूर्व का स्तर हासिल करने में अभी कुछ समय लगेगा, कितना कहना मुश्किल है।

प्रश्न 5 – अर्थव्यवस्था के लिए क्या करे और क्या नहीं करें ?

उत्तर – शायद यह सवाल सरकार के लिए है। सबसे पहले तो सरकार को इस समय वित्तीय घाटे के बारे में कुछ भी नहीं सोचना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा खर्च कर समाज के विभिन्न तबके को मदद दे। उद्योग जगत को अपने मुनाफे का बड़ा हिस्सा कोराना के खिलाफ लड़ाई पर खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर।

India economy growth bar graph

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