यूपी में इस्लामी संगठन ने अखिलेश यादव पर लगाए गंभीर आरोप, जानें क्या कहा

अखिलेश यादव को दाढ़ी वालों से नफरत, मुसलमानों को दी ये नसीहत

लखनऊ: सपा में आजम खान और शफीकुर्रहमान बर्क जैसे मुस्लिम नेताओं की नाराजगी के बीच इस्लामिक संगठन ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम ने भी अखिलेश यादव को मुसलमानों से नफरत करने वाला बताया है। सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक संगठन के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों को दूसरे विकल्पों पर विचार करने की नसीहत देते हुए कहा है कि मुलायम और अखिलेश की सपा में काफी फर्क है। अखिलेश यादव को दाढ़ी और टोपी वाले मुसलमानों से ना सिर्फ परहेज है, बल्कि नफरत है।

मुसलमानों को दोबारा सोचने की जरूरत

बता दे कि ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसको लेकर एक बयान भी जारी किया है। मौलाना ने बुधवार को एक टीवी चैनल से इस पर बातचीत की और आजम खान और शफीकुर्रहमान बर्क जैसे नेताओं को जल्द सपा छोड़ने की सलाह दी। मौलाना ने कहा कि हिन्दुस्तान में राजनीतिक हालात अब काफी बदल चुके हैं। इसलिए मुसलमानों को दोबारा सोचने की जरूरत है। उन्हें ना तो किसी पार्टी से अधिक जुड़ाव दिखाना चाहिए और ना ही किसी पार्टी का इतना विरोध करें कि बाद में इसका नुकसान उठाना पड़े।

मुलायम और अखिलेश की सपा में काफी फर्क

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुलायम और अखिलेश की सपा में काफी फर्क आ चुका है। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव ने मुसलमानों का चेहरा बनने से इनकार किया है। उनको अपने साथ रखने से इनकार कर दिया है। उन्हें दाढ़ी, कुर्ता और टोपी वाले मुसलमानों से परहेज है, बल्कि नफरत है। ऐसे में मुसलमानों को चाहिए कि जो वैकल्पिक पार्टियां हैं उन पर विचार करना चाहिए।

अखिलेश मुसलमानों के हितैषी नहीं

सपा में आजम खान और शफीकुर्रहमान बर्क जैसे नेताओं की नाराजगी को लेकर सवाल किए जाने पर रजवी ने कहा, आजम खान और बर्क आज कह रहे हैं कि अखिलेश मुसलमानों के हितैषी नहीं है। मैं तो 5 महीने से यह बात कह रहा हूं। चुनाव के दौरान भी यह बात कही थी। तब इन्हें समझ नहीं आ रहा था। आज समझ में आया है तो पहली फुर्सत में सपा छोड़ देनी चाहिए।

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