अखिलेश यादव और ओवैसी पर दर्ज केस को लेकर सुनवाई अब 14 जून को, जानें मामला

मामला एसीजेएम तृतीय नितेश सिन्हा की अदालत में पेश

लखनऊ: हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर पर टिप्पणी के मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर केस चले या नहीं, इस संबंध में लंबित आवेदन पर सुनवाई अब 14 जून को होगी। शुक्रवार को पीठासीन अधिकारी  अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  पंचम उज्जवल उपाध्याय अवकाश पर थे। इस कारण मामला एसीजेएम तृतीय नितेश सिन्हा की अदालत में पेश हुआ।

बता दे कि अदालत ने सुनवाई के बाद संबंधित आवेदन को पीठासीन अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश देते हुए 14 जून की तिथि नियत कर दी। पत्रावली में वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से विस्तृत हलफनामा भी दाखिल किया गया। कोर्ट में वादी की तरफ से अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह और घनश्याम मिश्र कोर्ट में हाजिर हुए।

हरिशंकर पांडेय साक्ष्य देने के लिए मांगी समय- Political News

बता दे कि वाद दाखिल करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने 30 मई को अदालत में इस मामले जुड़े और साक्ष्य देने के लिए समय की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने दो जून (गुरुवार)  की तिथि सुनवाई के लिए तय की थी। हालांकि गुरुवार को अधिवक्ता अनिल मिश्र के निधन के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में अब इस मामले की सुनवाई 14 जून को होगी।

अखिलेश और ओवैसी सहित सात के खिलाफ केस दर्ज

इसमें अखिलेश और ओवैसी सहित सात नामजद व अज्ञात के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर सुनवाई होगी। इसके अलावा ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग स्थल पर वजू करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने के आवेदन पर भी सुनवाई होगी।

जानें क्या है पूरा मामला 

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम की अदालत में सीआरपीसी की धारा 156-3 में आवेदन देकर कहा गया है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और सांसद असदुद्दीन ओवैसी व उनके भाई ने लगातार हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर के खिलाफ अपमानजनक बातें कीं। आरोप लगाया गया कि पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी, शहर के उलेमा और 200 अज्ञात ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया। धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर विवेचना की मांग की गई है।

 

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