बीआईएस विकासशील देशों में प्रयोगशालाओं की बढ़ा रहा है क्षमता

दिल्ली, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस ) ने अपने राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान (एनआईटीएस) के माध्यम से विकासशील देशों के लिए नौ से 12 मार्च तक प्रयोगशाला गुणता प्रबंधन पद्धति पर अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।


विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अभिलाषा जोशी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि आईटीईसी पूर्णतया “वासुदेव कुटुंबकम” की भारतीय परंपरा को प्रतिबिंबित करता है। पिछले 56 वर्षों से आईटीईसी क्षमता निर्माण और सरकारी कर्मचारियों और 160 भागीदार देशों के प्रोफेशनल को प्रशिक्षण प्रदान कर भारत के विकास के वृहद और विशेष अनुभव को साझा करने का माध्यम रहा है ।

इन कार्यक्रमों ने विकासशील देशों के बीच व्यापक सहयोग और सद्भाव उत्पन्न किया है। उप महानिदेशक (पॉलिसी रिसर्च एंड ट्रेनिंग) एन के कंसारा ने बताया कि यह प्रयोगशाला गुणता प्रबंधन पद्धति पर 12 वां ऐसा कार्यक्रम है। गुणता और मानकीकरण के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित ऐसे कुल मिलाकर 81 कार्यक्रम किए जा चुके हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम फिजिकल मोड में होना था लेकिन वर्तमान महामारी की परिस्थिति के कारण ऐसा नहीं हो सका।

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विदेश मंत्रालय के सहयोग से यह कार्यक्रम वर्चुअल मोड में किया जा रहा है और 16 देशों के 52 प्रतिभागी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मैं भाग ले रहे हैं जिनमें बांग्लादेश, कंबोडिया, केन्या, लाओस, मालदीव, मॉरीशस, निकारागुआ, नाइजीरिया, फिलिस्तीन, सीशेल्स, श्रीलंका, थाईलैंड, त्रिनिडाड और टोबैगो, ट्यूनीशिया, उज़्बेकिस्तान और वियतनाम शामिल है।


विदेश मंत्रालय ने 15 सितंबर 1964 को पहली बार आईटीईसी कार्यक्रम शुरू किया था। भारतीय मानक ब्यूरो भागीदार संस्थानों में से एक है जोकि आईटीईसी के अंतर्गत इसके प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान, के माध्यम से क्षमता निर्माण कार्यक्रम संचालित करता है। बीआईएस ने 1968 में आईटीईसी सहयोगी बनने के बाद “मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन”, “ प्रबंधन पद्धति”, और “ प्रयोगशाला गुणता प्रबंधन पद्धति”, पर 81 अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं तथा विश्व के बहुत से देशों से 2200 से ज्यादा व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया।

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