भूपेश ने एफसीआई को 40 हजार मैटिक टन चावल खरीदने की अनुमति देने की मांग की

रायपुर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर केन्द्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख मैट्रिक टन चावल की अनुमति की मात्रा को वृद्धि कर 40 लाख मैट्रिक टन उपार्जित किये जाने की अनुमति यथाशीघ्र प्रदाय करने का अनुरोध किया है।

बघेल ने आज लिखे पत्र में कहा है कि चालू खरीफ विपणन सीजन में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के अंतर्गत खाद्य विभाग भारत सरकार के साथ हुए एम.ओ.यू. के तहत की जाती है।प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 28 जनवरी की स्थिति में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजनांतर्गत समर्थन मूल्य पर 20.29 लाख किसानों से 90 लाख मैट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है एवं धान खरीदी का कार्य 31 जनवरी तक किया जावेगा।

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खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए केन्द्र सरकार की खाद्य सचिवों की बैठक में छत्तीसगढ़ के लिए 60 लाख मैट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लिये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है, इससे वर्तमान में उपार्जित लगभग 89 लाख मैट्रिक टन धान का निराकरण संभव हो सकेगा। किंतु खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम में केन्द्रीय पूल अंतर्गत 24 लाख मैट्रिक टन चावल (16 लाख मैट्रिक टन उसना एवं 8 लाख मैट्रिक टन अरवा) ही लिये जाने की अनुमति प्रदान की गई है।

बघेल ने कहा कि राज्य की पीडीएस हेतु 20 लाख मैट्रिक टन चावल की आवश्यकता होगी एवं इसके अतिरिक्त 3 लाख मैट्रिक टन चावल का स्टॉक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा रखा जावेगा।इस प्रकार कुल उपार्जित होने वाले 47 लाख मैट्रिक टन चावल से 70.50 लाख मैट्रिक टन धान का निराकरण संभव हो सकेगा।राज्य में खरीफ वर्ष 2020-21 में लगभग 93 लाख टन चावल उपार्जित होना अनुमानित है ।

बघेल ने पत्र में लिखा कि भारत सरकार द्वारा सरप्लस चावल खरीदने की अलग अनुमति प्रदान नहीं की जाती है तो सरप्लस धान के निराकरण में लगभग राशि 2500 करोड़ रूपए की आर्थिक हानि संभावित है, जो राज्य शासन को वहन करनी पड़ेगी।

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