अशोक गहलोत ने धोखाधड़ी को लेकर कही ऐसी बात

 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में आश्वस्त किया कि अच्छा ब्याज देने का लालच देकर ठगी करने के मामला एक बड़ा सवाल हैं और लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए राज्य सरकार कानून बनाने के लिए भी तैयार है। गहलोत ने प्रश्नकाल में विधायक धर्मनारायण जोशी के मूल प्रश्न “प्रदेश में सहकारी बैंकों एवं क्रेडिट को-ओॅपरेटिव सोसायटियों के विरुद्ध शिकायते” एवं अन्य विधायकों के पूरक प्रश्नों के जब सहकारिता राज्य मंत्री टीकाराम जूली जवाब दे रहे थे, इस दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला हैं। लाखों लोग हैं जो गांव एवं कस्बों में समझ नहीं पाते और अच्छे ब्याज के लालच में आकर ऐसी कंपनियों में पैसे जमा करा देते हैं और कंपनियां भाग गई। यह लम्बे समय से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा सवाल हैं और इस पर सदन में आधा घंटा चर्चा भी कराना चाहे तो कराई जा सकती हैं और इस पर कानून बनाया जाये तो उसके लिए भी राज्य सरकार तैयार हैं। लेकिन कुछ करना चाहिए। उन्होने कहा कि प्रदेश के लाखों लोग क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की धोखाधड़ी का शिकार हुये हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पक्ष एवं विपक्ष की राय से ऎसा कानून बना सकती है जिससे अपराधी को न केवल सजा मिले, बल्कि धोखाधड़ी के शिकार व्यक्तियों को उनका पैसा भी वापस मिल सके। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा पुरजोर प्रयास किये जाएंगे।  गहलोत बताया कि ऎसे प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए जांच एसओजी द्वारा की जा रही है। वर्तमान में कोर्ट के फैसले के बाद ही पैसों की रिकवरी संभव हो पाती है। इस मामले में केन्द्र सरकार को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र लिखा जाएगा।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने अपने पूरक प्रश्न में कहा कि ऐसे कंपनियों के आरोपियों के जेल जाने से पीड़ितों को राहत नहीं मिल सकती हैं। ऐसे में उनकी संपत्ति से पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाई जानी चाहिए।
जूली ने कहा कि प्रदेश के अंतर्गत आने वाली ऎसी सोसायटियों के खिलाफ एसओजी में कई मामले चल रहे हैं। सेंट्रल एक्ट में 14 इस्तगासे भेजे गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया जाएगा जिस पर ऎसी सोसायटियों के विरूद्ध शिकायतें दर्ज कराई जा सकेगी। शिकायतों पर विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी।
श्री जोशी के मूल प्रश्न के जवाब में श्री जूली ने बताया कि प्रदेश में सहकारी बैंकों एवं राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 में पंजीकृत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों एवं मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी एक्ट, 2002 के तहत पंजीकृत सोसायटियों में उपभोक्ताओं की राशि वापस न मिल पाने की 102096 शिकायते प्राप्त हुई हैं।

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