AISF छात्र संगठन का बिहार सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन,कहा-जब चुनाव हो सकता है तो पढाई क्यों नही

बिहार के छात्र संगठन AISF ने पटना विश्वविद्यालय के गेट पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. कोरोना को लेकर बिहार सरकार ने जो गाइडलाइन जारी किए हैं, उसके तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है. इसी बीच सभी मॉल, सिनेमाघर, पार्क खुले हुए हैं, मगर स्कूल कॉलेज ही बंद है. इसी का विरोध जताते हुए AISF ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी बातों को रखा.

AISF संगठन के सदस्य सुशील कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने स्कूल कॉलेज को कोरोना के मद्देनजर बंद करवा किया, मगर परीक्षाएं जारी है. जब छात्र पढ़ेंगे नहीं तो परीक्षा कैसे देंगे. अगर स्कूल कॉलेजों में परीक्षा हो सकती है तो पढ़ाई भी हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ देश के राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहा है. जहां चुनाव है, वहां कोरोना नहीं है. केवल बिहार के स्कूल, कॉलेजों में कोरोना है. विधानसभा चुनाव के दौरान कई रैलियां हुई, कई भाषण हुए, लेकिन वहां कोरोना के केस नहीं है. हमारी सरकार से मांग है कि कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराए, मगर स्कूल कॉलेज भी उसी गाइडलाइन के तहत चलें ताकि विद्यार्थियों का भविष्य खराब ना हो.

इसके अलावा सुशील कुमार ने अशोक राजपथ में पुल बनाने के नाम पर खुदाबख्श लाइब्रेरी को तोड़ने का भी विरोध किया. उन्होनें कहा कि पुल बनाने से भले ही जाम की समस्या खत्म हो जाएगी, लोगों को सहूलियत हो जाएगी, लेकिन उसके लिए खुदाबख्श लाइब्रेरी को कुछ हिस्से को तोड़ना कहीं से भी सही नहीं है. खुदाबख्श लाइब्रेरी बिहार की ऐतिहासिक धरोहरों में शुमार है. केवल पुल बनाने के लिए उसे तोड़ना कहीं से भी सही उचित नहीं है. उन्होनें सरकार से रोजगार के मुद्दे पर भी सवाल किया.

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