UP विधानसभा के पहले सत्र से दिखेगा नया नजारा, जानिए क्या हुआ बदलाव

विधायकों के सामने कागज नहीं होगा; जानिए कैसे पूछेंगे सवाल

लखनऊ: यूपी विधानसभा में अब विधायक जब खड़े होकर सवाल पूछेंगे तो उनके सामने कागज नहीं टैबलेट होगा। उसी में दर्ज पूरा ब्योरा जरूरत के हिसाब से वे सदन में अध्यक्ष व सदस्यों के सामने रखेंगे। यह सारा नया नजारा अब नई विधानसभा के पहले सत्र से ही दिखेगा। विधानसभा का पहला सत्र (बजट सत्र) मई के तीसरे हफ्ते से प्रस्तावित है।

विधानसभा सचिवालय ने डिजिटलीकरण का यह अभियान नेशनल ई-विधान प्रोजेक्ट के तहत शुरू करवाया है। हर विधायक की सीट पर टैबलेट लगाए जाएंगे। यह टैबलेट स्थाई रूप से फिक्स होंगे। सदस्य के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक के आधार पर इन टैबलेट में सारा कंटेंट उपलब्ध होगा। इसमें सदन का एजेंडा पहले से ही लोड हो जाएगा।

सत्र से पहले ऑनलाइन सिस्टम तथा लैपटॉप- टैबलेट पर कार्य

सदन के पटल पर रखी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सूचनाएं, प्रश्नकाल में होने वाले सवाल व उनके लिखित जवाब भी इसमें पहले से लोड होंगे। खास बात यह कि कोई सदस्य अगर अपनी सीट छोड़ कर दूसरी जगह बैठेगा तो वह वहां लगा टैबलेट का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। इसलिए हर सदस्य वहीं बैठेगा, जहां उसके लिए सीट आरक्षित होगी। मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष व संसदीय कार्यमंत्री के लिए भी विशेष टैबलेट लगेंगे। वैसे विधायकों को सत्र से पहले ऑनलाइन सिस्टम तथा लैपटॉप- टैबलेट पर कार्य करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

वन नेशन वन एप्लीकेशन के तहत

नेशनल ई विधान एप्लीकेशप एक यूनिकोड साफ्टवेयर है। वन नेशन वन एप्लीकेशन के तहत देश के विभिन्न राज्यों में यह व्यवस्था लागू होगी। इसके बाद संसद व राज्यों की विधानसभा डिजिटली जुड़ जाएंगे।60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा देश का पहला राज्य है, जहां ई-विधान सिस्टम चालू हो गया। करीब 18 राज्यों में भी संसदीय कार्य मंत्रालय यह डिजिटल सिस्टम लागू करवा रहा है। इस योजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत व राज्य सरकार को दस प्रतिशत खर्च करना है।18 वीं विधानसभा में तकनीक के स्तर पर बहुत कुछ बदलाव अब देखने को मिलेगा। इतने बड़े स्तर पर ई-विधान लागू करने वाला यूपी पहला राज्य होगा। बजट सत्र की शुरुआत इसी से होगी। इसमें सारा विधायी व संसदीय कार्य डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए होगा।

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