डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ 4 मुकदमे राज्य सरकार ने….

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ कौशाम्बी में चल रहे चार मुकदमे (राज्य सरकार ने वापस लिए हैं. इसमें कई मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज थे. यह जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर को एक आरटीआई के तहत एसपी कौशाम्बी कार्यालय द्वारा दी गई है. सूचना के अनुसार, मौर्य पर जिले में कुल आठ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें गुंडा एक्ट का एक मुक़दमा ख़ारिज हो चुका है, जबकि हत्या के एक मुकदमे में केशव दोषमुक्त हो चुके हैं. इसके अतिरिक्त एक मार्च 2017 से अब तक उनके विरुद्ध चार मुकदमे सरकार वापस ले चुकी है. इनमें एक मुक़दमा धार्मिक विद्वेष फैलाने, एक ठगी एवं कूटरचित अभिलेख बनाने, एक दंगा, बलवा व सरकारी काम में बाधा डालने व एक मुकदमा हत्या के आरोपों से संबंधित है.

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सूचना के अनुसार, बलवा से संबंधित दो मुकदमों की स्थिति ज्ञात नहीं हो सकी है. एसपी कौशाम्बी कार्यालय ने पूर्व में नूतन को सूचना दी थी कि केशव के खिलाफ कौशाम्बी जिले में पांच मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं, जिसके बाद यह संशोधित सूचना प्रदान की गयी है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में राजनेताओं पर लगे 20,000 मुकदमे वापसी के फैसले पर योगी सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है.  21 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पास हुआ था. शासन की तरफ से जिलों के डीएम को इस मामले में पत्र भेजा गया है.

सरकार की तरफ से गोरखपुर के डीएम को पत्र भेजकर कहा गया है कि 1995 में दर्ज मुकदमा वापस लें. डीएम से कहा गया है कि इसके लिए उनकी तरफ से कोर्ट में आवेदन दिया जाए. इस केस में योगी आदित्यनाथ, एसपी शुक्ला जो इस समय केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री हैं और सहजनवां से बीजेपी विधायक शीतल पांडेय समेत 10 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा है.

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