ओडिशा में फोनी तूफान ने ली 8 जान, बिजली आपूर्ति का बुनियादी ढांचा हुआ तबाह

बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान फोनी ने ओड़िशा में जमकर तबाही मचाई। इस तूफान से 8 लोगो की जान जाने की खबर है। युद्ध स्तर की तैयारी की वजह से कई हजार लोगों की जान बच सकी। पहले से ही राज्यों को सूचना मिल चुकी थी जिसकी वजह से इतनी तैयारी हो सकी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि फोनी चक्रवात से पुरी जिले को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इस चक्रवात ने सबसे पहले पुरी में ही दस्तक दी। उन्होंने जानकारी दी कि फोनी के चलते बिजली आपूर्ति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से तबाह हो गया है। अब इलाके में बिजली आपूर्ति बहाल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। हालांकि बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सैकड़ो इंजीनियर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भी काफी नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ के डीआईजी रणदीप राणा ने बताया कि एहतियात बरतने की वजह से स्थिति काबू में है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य प्रशासन ने चक्रवात से पहले ही करीब 10 हजार गांवों और 52 शहरी इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को हटा लिया था। इन सभी लोगों को 4 हजार से ज्यादा शिविरों में सुरक्षित रखा गया है। इनमें से चक्रवात के लिए विशेष रूप से बनाए गए 880 केंद्र भी शामिल हैं।

फोनी तूफान आज सुबह पश्चिम बंगाल पहुंच गया है। कोलकाता में इस समय बारिश हो रही है। विशेषज्ञों ने इस बात की जानकारी पहले ही दे दी थी। विशेषज्ञों ने बताया था कि सुबह तक 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवा के साथ फोनी तूफान पश्चिम बंगाल पहुंच सकता है। इसके बाद तूफान शनिवार शाम तक 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बांग्लादेश की ओर रुख करेगा।

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