क्या Delhi Metro का फिर बढ़ेगा किराया?, आर्थिक संकट में DMRC

नई दिल्ली : भारत में कोरोना के कारन पूरा देश अभी तक लॉकडाउन से गुजर रहा है। Corona Lockdown के कारण मार्च से सितंबर तक बंद रही दिल्ली मेट्रो (Delhi metro) को बड़ा आर्थिक नुकसान (Economic Crisis) झेलना पड़ रहा है। इस प्रकार का आर्थिक संकट इससे पहले मेट्रो पर कभी नहीं छाया था। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च से मेट्रो के संचालन को बंद कर दिया गया था। इसके बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो 7 सितंबर को मेट्रो का संचालन फिर से शुरू हुआ।

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सभी कोविड नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए मेट्रो को कम क्षमता के साथ चलाया गया ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा सके। इन सभी परिस्थितियों का परिणाम ये हुआ कि मेट्रो की कमाई नहीं हो सकी। पहले तो 5 से अधिक माह तक मेट्रो बंद रही, उसके बाद कम क्षमता के साथ उसे चलाया गया, वहीं कोरोना से बचाव के लिए डीएमआरसी को व्यव्सथा भी करनी पड़ी।

केंद्र और राज्य से delhi  ने मांगी मदद

ऐसे में अब मेट्रो पर आर्थिक संकट आ पड़ा है। मदद के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने केंद्र को पत्र लिखकर मदद मांगी है। वहीं दिल्ली सरकार को भी पत्र लिखकर मेट्रो ने मदद मांगी है। दिल्ली मेट्रो की सेवाएं पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी है, ऐसे में इन राज्यों से भी आर्थिक सहायाता के लिए आगे आने की गुहार लगाई गई है। डीएमआरसी द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों को लिखे गए पत्र में जापान इंटरनैशनलस एजेंसी का लोन चुकाने में हो रही दिक्कत के विषय में भी लिखा है।

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मेट्रो कर्मचारियों के भत्तों में की गई थी कटौती

बता दें कि लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान मेट्रो कर्मचारियों को भी हुआ है। अगस्त के महीने से मेट्रो कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में 50 प्रतिशत की कटौती की गई। वहीं इस दौरान ये भी आदेश जारी किया गया था कि फेस्टिवल एडवांस से लेकर मल्टीपरपज एडवांस तक किसी भी प्रकार का एडंवास मनी अब कर्मचारियों को अगले आदेश तक नहीं मिल सकेगा। हालांकि जिनको पहले से अनुमति मिली हुई है वो एडवांस रद्द नहीं किया जाएगा।

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