कौन होगा कांग्रेस का नया अध्यक्ष , जानिए क्या कहते है समीकरण !

कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के दावेदारों में जो तीन नाम चर्चा में हैं, उसमें सबसे मजबूत दावेदार अशोक गहलोत को माना जा रहा है। हालांकि

कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के दावेदारों में जो तीन नाम चर्चा में हैं, उसमें सबसे मजबूत दावेदार अशोक गहलोत को माना जा रहा है। हालांकि ज्यादातर नेता खुलकर ये बात नहीं कहते और अपनी पहली पसंद राहुल गांधी को ही बताते हैं, लेकिन ये माना जा रहा है कि अगर राहुल मना करते हैं तो शशि थरूर से भारी नाम गहलोत का ही है। कांग्रेस के नेता एसवी रमणी कहते हैं कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में साथ चल रहे उनके समर्थक पूरे उत्साह में हैं और यात्रा का असर भी दिख रहा है। इस यात्रा में तकरीबन 20 किलोमीटर रोज़ पैदल चलकर उनके समर्थक बेशक थक जाते हैं लेकिन उनके जोश में कमी नहीं है।

थरूर को केरल में ही नहीं मिल रहा समर्थन

बात अगर शशि थरूर की करें तो उन्हें फिलहाल केरल में उनकी पार्टी के लोग ही खास समर्थन नहीं दे रहे और वहां भी पहला नाम राहुल गांधी का ही लिया जा रहा है। लेकिन सबसे मजबूत नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है। जिनके बारे में पार्टी के कई दिग्गज काफी अच्छी राय रखते हैं और कुछ तो उन्हें पार्टी का भावी अध्यक्ष तक मानने लगे हैं। हालांकि राजस्थान के गहलोत समर्थक कई नेता इस सवाल के जवाब में चुप्पी साध लेते हैं कि गहलोत के बाद क्या मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सचिन पायलट को सौंपी जाएगी।

सचिन पायलट पर सस्पेंस को लेकर पार्टी के एक पुराने महासचिव कहते हैं कि लोग अशोक गहलोत को ठीक से समझ नहीं पाते। वह कल क्या करेंगे, आज नहीं कहा जा सकता। गहलोत संवेदनशील और अच्छे राजनेता हैं। सचिन पायलट के सवाल पर एक पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना है कि जितनी जरूरत आज कांग्रेस को मजबूत बनाने की है, उतनी ही जरूरत कांग्रेस को नेता देने की भी है। राहुल गांधी की टीम के एक सदस्य कहते हैं कि कांग्रेस में बदलाव का दौर शुरू हो चुका है। अगले छह महीने में काफी बदलाव दिखाई देगा। वह कहते हैं कि न वह ज्योतिषी हैं और न ही कांग्रेस पार्टी में कुछ अनुमान के आधार पर होता है। अभी तो केवल इतना पता है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव है।

मौजूदा समय में वरिष्ठ और कुशल राजनेता हैं गहलोत

सोनिया गांधी के एक पुराने वफादार महासचिव का कहना है कि जितना आप सुन रहे हैं, उतना ही मैं भी सुन रहा हूं। सबकुछ अखबार में छप रहा है। इससे ज्यादा केवल कांग्रेस अध्यक्ष को पता होगा। बहुत कुरेदने पर वह बताते हैं कि अशोक गहलोत मौजूदा समय में वरिष्ठ और कुशल राजनेता हैं। दामन भी साफ है। वह अध्यक्ष पद के लिए किसी भी तरह से बुरे नहीं हैं। वैसे अंतिम फैसला तो पार्टी ही करेगी। देखिए, सोनिया गांधी से गहलोत की मुलाकात के बाद क्या नई संभावना सामने आती है।

शशि थरूर के सवाल पर पार्टी के कुछ नेता साफ बोलने से बचते हैं। इतना जरूर कहते हैं कि थरूर वरिष्ठ और सम्मानित नेता है। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और थरूर ही नहीं कोई भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले एक युवा नेता कहते हैं कि ऐसे सवालों पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन अशोक गहलोत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ें तो सबसे मजबूत दावेदार होंगे। वह कहते हैं कि भले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी चुनाव में निष्पक्ष और तटस्थ रहें लेकिन कन्याकुमारी से लेकर जम्मू-कश्मीर तक हर कांग्रेसी को पता है कि उसे क्या करना है।

सचिन पायलट को मिला ताज तो भाजपा की बढ़ेगी मुश्किलें
सचिन पायलट का खेमा इस उम्मीद में शांत बैठा है कि अशोक गहलोत दिल्ली जाएंगे तो राजस्थान पायलट के पास आएगा। अमर उजाला को पायलट गुट के एक प्रभावी नेता ने कुछ समय पहले बताया था कि गुजरात चुनाव से पहले सचिन को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। सूत्र का कहना है कि सब ठीक होगा। इस समय सचिन पायलट के समर्थक बहुत संयम से काम ले रहे हैं। अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री रहे एक वरिष्ठ कांग्रेसी का कहना है कि हर सरकार के साथ जनता की थोड़ी नाराजगी रहती है। अशोक गहलोत की सरकार के साथ भी है। ऐसे में यदि राजस्थान में चेहरा परिवर्तन होता है और पायलट आते हैं तो भाजपा की मुश्किल बढ़ जाएगी। इसका कांग्रेस को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मित्रों में गिने जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र व्यास को भी गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना दिखाई देने लगी है। राजेंद्र खुद कहते हैं कि सोनिया जी गहलोत पर पूरा भरोसा करती हैं। हालांकि राजेंद्र व्यास के मुताबिक अशोक गहलोत से राजस्थान का मोह छूटना बड़ा मुश्किल है। वह राजस्थान को बहुत प्यार करते हैं।

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