नवजात की मौत पर नर्सिंग होम में हंगामा, मौत के तीन दिन बाद तक वेंटीलेटर पर रखने का आरोप

मौके पर पहुंची स्थनीय पुलिस ने तीमारदारों को किसी तरह से कराया शांत

आज़मगढ़: आज़मगढ़ जनपद में एक अस्पताल में नवजात के परिजनो ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने लाभ कमाने के चक्कर में उनके बच्चे की मौत के बाद भी 3 दिनों तक वेटिंलेटर पर रखा। यह विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। मामला आजमगढ़ के सिधारी थाने के रैनबो हॉस्पिटल का है। परिजनों का आरोप है कि यहां अस्पताल प्रबंधन ने उनके मृत बच्चे को 3 दिन तक वेंटिलेटर पर रखे रहा। तीसरे दिन जब परिजनों को इस बारे में जानकारी हुई तो तीमारदारों अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। हंगामे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची स्थनीय पुलिस ने तीमारदारों को किसी तरह से शांत कराया।

अस्पताल के प्रबंधक का कहना है कि यहां जब बच्चे को लाया गया था तो उसकी हालत अत्यंत खराब थी। प्रयास किया गया उसको ठीक करने के लिए लेकिन सफलता नहीं मिली। वेंटीलेटर पर रखने का मकसद उसके ऑर्गन को इसी प्रकार से फिर से सुचारू करना था लेकिन नहीं हो सका। बताया गया कि आजमगढ़ जिले के शहर कोतवाली के बदरका कुंदीगढ़ मोहल्ले के रहने वाले संजय गौड़ की बहन ने एक बच्चे को जन्म दिया।

परिजनों ने लगाया ये आरोप

जन्म लेने के बाद बच्चा रोया नहीं, तो परिजन उसे शहर के मुकेरीगंज में एक निजी अस्पताल में लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा। तब परिजन अपने बच्चे को लेकर नगर के सिधारी थाना क्षेत्र के रैनबो हॉस्पिटल में गए। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बच्चे को वेंटिलेटर पर डाल दिया। परिजनों की मानें, तो बच्चे की मौत 3 दिन पहले ही हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी। जब परिजनों ने रविवार को बच्चे को डिस्चार्ज करने को कहा तो अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि आपका बच्चा मर गया है। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया घंटों अस्पताल में हंगामा चलता रहा सूचना के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया।

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