1 ऑक्टूबर से होगी टोकनाइज़ेशन लागू, कार्ड पेमेंट में होंगे बदलाव। जानिए इसके बारे में।

कोरोना और लॉकडाउन के समय से ऑनलाइन अथवा डिजिटल पेमेंट में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। लेकिन इसके साथ ही में डिजिटल पेमेंट से बहुत ज्यादा फ्रॉड भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहे है

कोरोना और लॉकडाउन के समय से ऑनलाइन अथवा डिजिटल पेमेंट में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। लेकिन इसके साथ ही में डिजिटल पेमेंट से बहुत ज्यादा फ्रॉड भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहे है जिसकी वजह से RBI की चीनताएं और भी ज्यादा बढ़ गई है और इसी कारण RBI 1 ऑकटूबर से टोकनाइजेशन लागू कर रही है। जिसके बाद से डिजिटल कार्ड पेमेंट का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।

आइए जानते है टोकनाइजेशन के बारे में।                                                                                                      जब आप कोई भी ऑनलाइन सामान का ऑर्डर करते है तब पेमेंट करते टाइम आपको अपने कार्ड की सारी डिटेल्स डालनी पड़ती है और उसके बाद एक ओटीपी के जरिए सारी ट्रैन्सैक्शन हो जाती है लेकिन टोकनाइजेशन लागू होने के बाद ये प्रोसेस पूरी तरह बदल जाएगा। नए प्रोसेस में आपकी कर्द की सारी डिटेल्स एक सिंगल कोड में बदल जाएगी और इसी प्रक्रिया को टोकन कहा जाता है। इसे से आपके कार्ड की कोई भी डीटेल मर्चन्ट कंपनी के साथ साझा नहीं होगी। यह नियम लागू करने के पीछे ऑनलिन फ्रॉड कम करना है।

सबसे पहले किसी भी मर्चेंट कंपनी के वेबसाइट पर डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी चेक ऑउट के दौरान देनी पड़ेगी। इस के बाद ग्राहक को ‘सिक्योर योर कार्ड’ ऑप्शन पर क्लिक करना है। इसके बाद व्यक्ति को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या फिर ई-मेल पर ओटीपी के जरिए टोकेनाइजेशन सिस्टम को ऑथराइजेशन करना होगा। एक बार जब आपको टोकन मिल जाएगा तब आप उसे कार्ड की डिटेल्स से बदल सकते हैं। यानी अब कंपनी के पास आपके कार्ड की जानकारी के रूप में सिर्फ एक कोड होगा। बता दें, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार 195 मिलियन लोग पहले से ही टोकन सिस्टम का प्रयोग कर रहे हैं।

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